फर्रुखाबाद:जूनोटिक रोगों से बचने के लिए समाज को जागरुक करें-डॉ. यूसी वर्मा

फर्रुखाबाद, 29 मार्च 2023 जनपद स्थित कलेक्ट्रेट में बुधवार को जूनोटिक समिति की एक बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता वेक्टर बॉर्न डिजीज के नोडल और जूनोटिक समिति के सचिव डॉ यू सी वर्मा ने की।
डॉ वर्मा ने समिति के सभी सदस्य विभागों को बताया कि जूनोटिक एक संक्रामक बीमारी है और यह जानवर से मानव में फैलती है। उन्होंने अपील की है कि इसके लिए अपने स्तर से जन समुदाय में जागरूकता फैलाई जाई। इसके जूनोटिक रोगजनक जीवाणु, वायरल या परजीवी हो सकते हैं, या इसमें अपरंपरागत एजेंट शामिल हो सकते हैं और सीधे संपर्क या भोजन, पानी या पर्यावरण के माध्यम से फैल सकते हैं।
डॉ वर्मा ने बताया कि पशु पक्षियों के साथ हमारे घनिष्ठ संबंधों के कारण हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है l जब हम किसी कुत्ते या बिल्ली को पालते हैं तो उसको सहलाते, नहलाते अपने साथ बिस्तर पर सुलाते हैं या अपने हाथों से खाना खिलाते हैं तो उनके मुंह से निकलने वाली लार में विषाणु होते हैं जो हमारे हाथों में लग जाती है और मुंह के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती है और हम बीमार हो जाते हैं। हम यह नहीं समझ पाते कि यह सब जानवरों से ही फैला हैl
डॉ वर्मा ने कहा कि रेबीज वायरस कुत्ते से मानव में, कोरोना का वायरस चमगादड़ से मानव में, प्लेग का वायरस चूहे से ऐसे ही अन्य कई रोग हैं जो जानवरों से मानव में फैलते है इससे बचने के लिए जितना बच सकें जानवरों से संपर्क में कम आएं l
उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि खेती बाड़ी करने वाले किसान अधिकतर अपने जानवरों के संपर्क में आते हैं साथ ही जो लोग डेयरी उद्योग चलाते हैं तो रोज ही जानवरों को खाना खिलाते हैं दूध निकालते हैं जिससे लोग जूनोटिक रोग का शिकार हो जाते हैं l
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया कि ज़ूनोसिस कोई भी बीमारी या संक्रमण है जो स्वभाव से भिन्न पशुओं में अलग-अलग होता है l कुछ ज़ूनोज़, जैसे रेबीज़, टीकाकरण और अन्य विधियों से 100% रोका जा सकता है
डॉ माथुर ने बताया कि ज़ूनोज़ में सभी नए संक्रामक प्रभावों के साथ-साथ कई मौजूदा संक्रामक प्रभावों का एक बड़ा प्रतिशत शामिल है। कुछ बीमारियाँ, जैसे कि एचआईवी, ज़ूनोसिस के रूप में शुरू होती हैं, लेकिन बाद में मानव-मात्र में बदल जाती हैं। अन्य ज़ूनोज़ पूर्ववर्ती बीमारी के प्रकोप का कारण बन सकते हैं, जैसे कि इबोला वायरस रोग और सालमोनेलोसिस। कोरोना वायरस जो COVID-19 का कारण बनता है, वैश्विक महामारी पैदा करने की क्षमता रखता है।
जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ रणधीर सिंह ने बताया कि इन रोगों से बचा जा सकता है जब हम इनके संपर्क में आते हैं तो स्नान करना चाहिए साथ ही अपने हाथों को साबुन से खूब रगड़ रगड़ कर बहते हुए पानी में धोएं जिससे आपके हाथों में चिपके हुए वायरस वह जाते हैं और हम संक्रमण से बच जाते हैं l
इस दौरान अन्य विभागों से अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे