फर्रुखाबाद:जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आज मनाया जायेगा जन औषधि दिवस

6 मार्च 2023 आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जिसे देखो वह बीमार है किसी को ब्लड प्रेशर की समस्या तो किसी को डायबिटीज की, किसी का लीवर बढ़ गया तो किसी में खून की कमी हो गई है l जिधर नज़र उठाकर देखो हर घर में कोई न कोई किसी न किसी तरह की बीमारी से घिरा रहता है l इसी को लेकर भारत वर्ष में हर साल 7 मार्च को जन औषधि दिवस’ मनाया जाता है l इस बार यह दिवस आज यानि मंगलवार को मनाया जाएगा l
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार ने बताया कि आज अधिकतर लोग ब्लड प्रेशर, शुगर, लीवर की बीमारी, खून की कमी से जूझ रहा है l इन बीमारियों पर नियन्त्रण पाने के लिए रोगी को बहुत पैसे खर्च करने पड़ते हैं, क्योंकि डॉक्टर उसको हाईलेवल कंपनी की दवा लिखता है जोकि बहुत मंहगी होती है हर आदमी के बस की बात नहीं होती कि उसको खरीदा जाए l इसलिए सरकार द्वारा जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से कम दामों में उच्च क्वालिटी की दवा दी जा रही है l इन जैनिरिक दवाओं में गुणवत्ता की कोई कमी नहीं है इसलिए इनका प्रयोग करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाए जिससे गरीब आदमी भी इसका इस्तेमाल कर सके जिससे उसके ऊपर कम दवाब पड़े l
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने कहा कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शहरी और ग्रामीण, हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर , उपकेंद्र स्तर पर जन औषधि दिवस का आयोजन किया जाएगा l इसके लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उप केन्द्र स्तर पर बैठक कर लोगों को जैनरिक दवाओं के बारे में जानकारी दी जाए l साथ ही हाइपरटेंशन और डायबिटीज के बारे में बैठक कर लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाए l
एसीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 1 जुलाई 2015 को शुरू की गई थी l इस योजना में सरकार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाइयां बाजार मूल्य से कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाती हैं l इसके लिए सरकार द्वारा ‘जन औषधि स्टोर’ बनाए गए हैं, जहां जेनरिक दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं l
एसीएमओ ने बताया कि आमतौर पर दवाईयों के दाम बाजार से तय होते हैं जिसमें दवाकंपनियों की दाम तय करने में भूमिका भी होती है l इस वजह से जरूरी दवाइयां भी आम लोगों के लिए बहुत महंगी होती हैं l जेनरिक दवाइयां ब्रांडेड फार्मा कंपनियों की दवाइयों से सस्ती होती हैं, लेकिन उनका असर उन्हीं के बराबर होता है l
एसीएमओ ने बताया कि बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता है कि ब्रांडेड दवाओं की तुलना में जेनरिक दवाएं कम मूल्य पर उपलब्ध हैं l इसके साथ ही इनकी गुणवत्ता में किसी तरह की कमी नहीं हैं और इन्हें आसानी से हासिल भी किया जा सकता है l इस योजना में आम नागरिकों को 60 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाइयां मुहैया कराई जाती हैं l

एसीएमओ ने बताया कि जब भी कोई मरीज बीमार हो कर डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उन्हें वे दवाएं सुझाते हैं जिनके दाम बाजार में ज्यादा होते हैं l इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों को इस बात के प्रेरित करना है कि वे लोगों को जेनेरिक दवाओं की सलाह दें खास तौर पर गरीब और आर्थिक रूप कमजोर मरीजों को l