फर्रुखाबाद 8 मार्च 2022 जनपद में मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। इसी क्रम में मुख्य विकास अधिकारी एम अरुन्मोली ने मार्शल आर्ट में गोल्ड मेडलिस्ट निकता और सिमरन के साथ मिलकर वन स्टॉप सेंटर में चिकित्सालय में जन्मी पांच नवजात बेटियों के साथ केक काटा। इस मौके पर मिठाई और उपहार भी दिया गया। वहीं दो जुड़वां बेटियों रिद्धि और सिद्धि ने नृत्य और प्राथमिक विद्यालय रोशनाबाद की प्रधानाध्यापक जमुर्रद बेगम ने कविता के माध्यम से समाज को जगाने का प्रयास किया। कार्यक्रम का संचालन बाल संरक्षण अधिकारी सचिन सिंह ने बड़ी ही कुशलता से किया। इस दौरान खण्ड विकास अधिकारी कमालगंज आलोक आर्य, राजेपुर गगन दीप, महिला कल्याण विभाग से नेहा मिश्रा, रूबी सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
गौरतलब है कि हर साल दुनियाभर में 8 मार्च का दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम का नाम ‘जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो’ है। इस साल की थीम के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का कलर पर्पल-ग्रीन और व्हाइट तय किया गया है,जो न्याय, गरिमा, उम्मीद और शुद्धता का प्रतीक है।
इस मौके पर सीडीओ ने कहा कि आज महिलाएं समाज में पुरुष वर्ग के साथ कंधे से कंधे मिलाकर कार्य कर रहीं है चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो | उन्होंने कहा कि मेरे परिवार में सभी महिलायें कुछ न कुछ काम जरुर कर रहीं हैं | साथ ही कहा कि अब डरने और झिझकने के दिन गए अपने हक़ को लेने में हिचक कैसी अपने लक्ष्य को प्राप्त करो और अपने घर, समाज और देश का नाम रोशन करो ।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल चन्द्र ने कहा कि हमको नारी शक्ति को कमजोर समझने की भूल बिल्कुल नहीं करनी चाहिए समय आने पर दुर्गा, चण्डी, काली झाँसी की रानी का रूप रखकर दुष्टों का संहार भी यही नारी शक्ति करती है |
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला के सीएमएस कैलाश दुल्हानी ने कहा कि अभी भी हमारे समाज की सोच बेटे बेटियों में फर्क करने की है जब बेटियां ही नहीं होंगी तो संसार का निर्माण कैसे होगा | अभी समाज का नजरिया बदला नहीं है सभी को बेटों की चाहत है |
रखा बालिका इंटर कालेज की छात्रा पूजा ने कविता के माध्यम से समाज को सन्देश दिया कि रोज माँ के गर्भ में जन्म लेने से पहले बेटियां ही क्यूँ मार दी जाती हैं |
कनकापुर के रहने वाले रामकिशोर के घर में पहले से ही एक बेटी है कल लोहिया अस्पताल में एक और बेटी ने जन्म लिया इस पर उन्होंने कहा कि मुझे यह चिंता नहीं है कि बेटी हुई है बेटियां तो नसीब बालों के घर में जन्म लेती हैं |
गढ़िया ढीलावल में विमला देवी के घर में तीन पोतियाँ पहले से ही हैं एक और बेटी के जन्म लेने पर कहा कि मैं भी तो एक महिला हूँ आज समाज में बेटों से बढ़कर बेटियां है |