फर्रुखाबाद:अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस आज : विपरीत परिस्थितियों में भी मरीजों की करती हैं सेवा

फर्रुखाबाद, 11 मई 2023 आज अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस है। इस दिन इनकी सेवा भाव को नमन न किया जाए तो बेमानी होगीl इलाज के दौरान आखिर यही नर्सेस ही मरीज का मनोबल बढ़ाती हैं। उनको अकेलापन महसूस नहीं होने देती हैंl और तो और कई बार आर्थिक मदद तक करती हुई दिखती हैं। जनपद में नर्सिंग सेवा पर समर्पित पढ़िए यह रिपोर्ट…
मेजर कौशलेंद्र सिंह सीएचसी फतेहगढ़ में बने एल 2 अस्पताल में तैनात स्टॉफ नर्स निधि मिश्रा की नियुक्ति 21 मई 2021 को स्टॉफ नर्स के पद पर हुई। उस समय कोविड का संक्रमण चरम पर था। पूरे देश में ही मौत का तांडव दिख रहा था। जिधर देखो उधर ही मरने और संक्रमित होने की खबरें आ रही थीं। अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही रही थी। उस दौरान मेरा बेटा मात्र चार वर्ष का था। उसको गले लगाना तो दूर, संक्रमण फैलने के डर से देखने में ही डर लगता था। फिर उसको अपनी मां के घर भेज दिया और मैं कोरोना के मरीजों की सेवा में लग गईl जब फुर्सत मिल पाती थी तो वीडियो कॉल से उसको देख लेती थीl
निधि बताती हैं कि जब कोई कोविड मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जाता था तो लगता कि चलो सेवा सफल हुई l
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में बने पोषण पुनर्वास केन्द्र में स्टॉफ नर्स के पद पर तैनात सौरभ सक्सेना अपनी देखभाल में न जाने कितने कुपोषण के शिकार बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिला चुके हैं l सौरभ बताते हैं कि मेरी नियुक्ति एनआरसी में स्टॉफ नर्स के पद पर फ़रवरी 2018 में हुई थी। इससे पहले मैं मेडिकल कॉलेज में स्टॉफ नर्स के पद पर रहा l जब मेरी नियुक्ति एनआरसी में हुई तो लगा अब बच्चों को स्वस्थ करने का मौका मिला है l जब कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हुआ तो उसकी जान पर बन आती है उसको उचित देखभाल और पोषण की जरुरत होती हैl सौरभ कहते हैं कि कोविड काल में जब एनआरसी बंद हो गया तो मेरी ड्यूटी कोरोना के मरीजों की देखभाल में लगा दी गई। मन में भय था कि कोरोना से निपटना मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं यही सोचकर उनकी सेवा की और जब मरीज़ स्वस्थ होकर घर जाने लगते तो बहुत सारा प्यार और धन्यवाद देकर जाते। यह देखकर मन को तस्सली होती कि चलो किसी की तो जान बचाई l एनआरसी में भर्ती 10 माह की दुर्गा के पिता अखिलेश ने बताया कि मेरी बेटी को बुखार आ रहा था साथ ही उसको दस्त भी रहे थे। इससे वह कमजोर हो गई थी। सौरभ की देखभाल से आज मेरी बच्ची स्वस्थ है l
सीएचसी कायमगंज में स्टॉफ नर्स के पद पर तैनात वर्षा कहती हैं कि मैं इस सीएचसी के लेबर रूम में 2009 से तैनात हूं। मेरा रोज का ही काम है कोई भी गर्भवती महिला आए उसकी उचित जांच कराना, उसकी प्रसव के दौरान मदद करना यह सब मेरे काम हैं। साथ ही प्रसव के बाद महिला को परिवार नियोजन के साधनों से अवगत करानाl वर्षा बताती हैं कि कोविड संक्रमण के दौरान भी हम लोगों ने गर्भवती महिलाओं का साथ नहीं छोड़ा न केवल उनको कोरोना से सुरक्षित रखा उनके शिशु को भी सुरक्षा प्रदान की l
सीएचसी पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मधु अग्रवाल कहती हैं कि वर्षा का काम बहुत ही अच्छा है इसके लिए इनको कई बार जिला स्तर से सम्मान भी दिया जा चुका है l
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में बने सिक न्यू वार्न केयर यूनिट में तैनात स्टॉफ नर्स पूजा बताती हैं मेरा काम 28 दिन से कम उम्र के बच्चों की देखभाल करनी होती है जो अस्वस्थ होते हैं l साथ ही बच्चे की मां को कंगारू मदर केयर के बारे में भी जानकारी देनी होती है कि किस तरह से बच्चे का ख्याल रखा जाए की वह जल्दी से स्वस्थ हों l जब बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर जाने लगते हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे कोई मेरा बच्चा मुझसे दूर लिए जा रहा है लेकिन मन में यह खुशी होती है कि बच्चा स्वस्थ होकर अपने माता पिता की गोद में सुरक्षित जा रहा है l
एसएनसीयू के नोडल अधिकारी डॉ शिवाशीष उपाध्याय कहते हैं कि पूजा की सेवा भाव से न जाने कितने बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर गए हैंl यह पूजा का सेवा भाव ही है जो उसको दूसरों से अलग बनाता है l

विभाग ने सराहा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार ने बताया कि सेवा का दूसरा नाम ही नर्स है l इन लोगों की लगन से ही मरीज़ जल्द स्वस्थ होकर अपने घर को लौटते हैंl उन्होंने बताया कि महान नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल की याद में हर वर्ष 12 मई को उनके जन्मदिवस पर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन उनके पदचिन्हों पर चलने की शपथ ली जाती है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक कंचन बाला ने बताया कि जिले में मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम में 33 स्टॉफ नर्स तैनात हैं। आज इस दिवस के अवसर पर सभी जगह हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा l हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है यह दिवस दिन रात सेवाभाव से खुद को समर्पित करने वाली नर्सों को सम्मान देने के लिए है l