फर्रुखाबाद: जनपद में सात मार्च से शुरू हो रहे सघन मिशन इन्द्र धनुष अभियान और 20 मार्च से शुरू होने वाले पल्स पोलियो अभियान की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी संजय सिंह की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय बैठक हुई | बैठक में जिलाधिकारी ने अभियान के बारे में जरूरी दिशा निर्देश दिए
पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में शून्य से लेकर पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी इसके साथ ही शून्य से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती का सात मार्च से शुरू हो रहे सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान के दौरान टीकाकरण किया जायेगा
जिलाधिकारी ने कहा कि अभियान के दौरान कोई भी कोताही न की जाए, सभी विभाग अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करें
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्रा ने बताया कि जिले में पल्स पोलियो अभियान 20 मार्च से 27 मार्च तक चलाया जायेगा, स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर- घर जाकर पोलियो की खुराक पिलाएँगी
सीएमओ ने कहा कि पोलियो की खुराक बच्चेि को पोलियो की बीमारी से बचाता है। पोलियो बहुत ज्या दा संक्रामक है जो संक्रमित व्ययक्तिी के मल से फैलतीहै।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने बताया कि पोलियो वायरस मुंह के रास्ते से नर्वस सिस्टभम में पहुंच जाता है। इससे लकवा और यहां तक कि मृत्यु् तक हो सकती है। भारत में पोलियो अब एक बड़ी समस्याइ नहीं रही है लेकिन फिर भी यहां पांच साल से कम उम्र के बच्चोंब के लिए पोलियो का टीका लेना जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंककि अब भी दुनिया के कुछ देशों में पोलियो बचा है, इसलिए इन लोगों से भारत में इस बीमारी के आने का अंदेशा बना रहता है।
डॉ प्रभात ने बताया कि पोलियो का कोई इलाज नहीं है, लेकिन पोलियो की खुराक कई बार दिए जाने पर यह बच्चेी को जीवन भर के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। पोलियो रोग में पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों को ओपीवी यानि ओरल पोलियो वैक्सीन दिया जाता है।
डॉ प्रभात ने बताया कि भारत में आखिरी पोलियो का केस 23 जनवरी 2011 को आया था, इसके बाद आज तक कोई भी पोलियो का केस नहीं आया विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 मार्च 2014 को भारत का नाम पोलियो प्रभावित देशों की सूची से हटा दिया । इस कारण से आज हम पोलियो मुक्त देश के नागरिक हो पाए हैं।
डॉ प्रभात ने बताया कि 20 मार्च को पोलियो दिवस पर जिले में लगभग 911 बूथों का गठन किया गया है जिस पर लगभग 2.89 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 687 टीमों को लगाया जायेगा जो 20 मार्च से 27 मार्च तक इस लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करेंगी
इसके साथ ही यह भी बताया कि ईंट भट्टों और निर्माण साईट्स पर विशेष ध्यान रखा जायेगा क्योंकि वहाँ पर बच्चों के छूटने की अधिक संभावना रहती है।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी एम अरुन्मोली, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह, डॉ उत्तम सिंह, यूएनडीपी से मानव शर्मा, यूनिसेफ से डीएमसी राजीव चौहान, विश्व स्वास्थ्य संगठन से आशुतोष रस्तोगी, चाई संस्था से शबाब हुसैन रिजवीआदि लोग मौजूद रहे |