फर्रुखाबाद,(द दस्तक 24 न्यूज़) 08 जनबरी 2025 को इंडिया के दलों ने लोकसभा 2024 चुनाव में कांग्रेस के साथ का फाएदा उठा कर न केवल अपना अस्तित्व बचाया बल्कि स्वयं को अपने अपने राज्यों में मजबूत भी किया भले ही मिलकर चुनाव न लडा हो लेकिन भाजपा को हराने/गठबंधन सरकार बनाने का जनता को संदेश देने और वोटर को अपने पक्ष में लाने में वह सफल रहे जो उनका प्रमुख लक्ष्य था। लेकिन अब राज्यों के चुनाव में वह स्वत: ही कांग्रेस के साथ खडा नहीं होना चाहते हैं क्योंकि उन्हें कांग्रेस में उनका अपना आधार वोट खिसकने का डर है और वैसे भी वह कांग्रेस को कमजोर ही देखना चाहते हैं। वहीं संघ भाजपा सहित गुजरात लाबी एनडीए सरकार की मजबूती हेतु कांग्रेस पार्टी को अलग थलग कर उसे कमजोर बनाए रखने हेतु भी इन सभी दलों पर हर तरह का दबाव होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ममता अखिलेश और केजरीवाल सहित शरद पवार, ऊद्धव व लालू यादव/तेजस्वी सहित यह सभी शायद मोदी से लगातार लडने में अपना और ज्यादा नुक्सान नहीं कराना चाहते हैं, इसलिए अब संघ भाजपा सहित गुजरात लाबी के इशारे पर ही इंडिया गठबंधन से दूरी बना रहे हैं क्योंकि यह दूरी ही एनडीए सरकार के पांच साल पूरे कराने की गारंटी है जिसे मोदी जी ऐन केन प्रकारेण क्यों नहीं अपनी मुठ्ठी में करना चाहते होंगे? तीसरा मकसद दिल्ली चुनाव में भाजपा के एनडीए गठबंधन की मजबूती का संदेश देकर चुनाव जीतने की साजिश सहित केंद्र सरकार को बचाए रखने की रणनीति भी हो सकती है । सूबेदार राकेश कुमार सागर, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय चमार रेजीमेंट संघर्ष समिति एवं पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (अनुजावि)