फर्रूखाबाद:- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा 24 जनवरी को आईजीपी में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा ।

फर्रूखाबाद:- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में नवाचार पर विशेष फोकस किया गया है। इसके मूलभूत सिद्धान्तों में रचनात्मकता, तार्किक निर्णय लेने और नवाचार को प्रोत्साहित करना सम्मिलित है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षकों को अपना सुधार करने के लिए और अपने व्यवसाय से सम्बन्धित आधुनिक विचार और नवाचार को सीखने के लिए सतत् अवसर देने की बात कहती है।
विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सम्बर्द्धन हेतु शिक्षकों तथा शिक्षक प्रशिक्षकों का नवाचार पर उन्मुखीकरण किया जाना अति आवश्यक है, क्योंकि नवाचार का सम्बन्ध नवीन तकनीकी एवं नवीन ज्ञान से होता है। बदलती परिस्थितियों के साथ शिक्षण प्रक्रिया तथा बच्चों के व्यवहार में में अपेक्षित परिवर्तन लाने एवं विद्यालय को आनन्दशाला में परिवर्तित करने के लिए शिक्षकों में नवाचार की समझ होना तथा सतत् रूप से नवाचार किया जाना आवश्यक है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में नवाचारों को प्रोत्साहित करने तथा उनके माध्यम से कक्षा शिक्षण को जीवन्त और रोचक बनाने के दृष्टिगत राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा दिनांक 24.01.2023 को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ के मरकरी हॉल में प्रातः 10:00 बजे से Innovation for Improvement of Educational Outcomes in Entire School Cycle विषयक एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में मुख्य सन्दर्भदाता प्रोफेसर कथन शुक्ला, चेयरपर्सन, रवि जे० मथाई सेन्टर फॉर एजूकेशनल इनोवेशन, भारतीय प्रबन्धन संस्थान, अहमदाबाद हैं। प्रो० कथन शुक्ला द्वारा शिक्षकों एवं बच्चों के सामाजिक और भावानात्मक क्षेत्र में सुधार तथा शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन, शोध आदि विषयों पर कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला में प्रो० कथन शुक्ला द्वारा दो सत्र लिये जायेंगे। प्रथम सत्र में Rethinking Education : Towards A Positive Climate School System तथा द्वितीय सत्र में Creating a Systemwide Supportive Climate For Innovative Behaviour In Schools पर चर्चा की जायेगी।

यह कार्यशाला नवाचारों के माध्यम से स्कूल के वातावरण में सकारात्मक बदलाव लाने पर केन्द्रित होगी, जिसका उद्देश्य प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने हेतु शिक्षण कार्य में नवाचारी विधियों के प्रयोग को प्रोत्साहित करना तथा सिखने सीखाने हेतु रचनात्मक वातावरण का सृजन करना है।
कार्यशाला में लगभग 400 प्रतिभागियों, प्रत्येक डायट के प्राचार्य तथा दो संकाय सदस्य, प्रत्येक जनपद से एक खण्ड शिक्षा अधिकारी अथवा जिला समन्वयक ( प्रशिक्षण), मण्डल मुख्यालय के राजकीय इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक, एस०सी०ई०आर०टी० तथा उसकी इकाइयों के संकाय सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। कार्यशाला का शुभारम्भ दिनांक 24.01.2023 को श्री संदीप सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), बेसिक शिक्षा विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा किया जायेगा। कार्यक्रम में श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा तथा श्री विजय किरन आनन्द महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा, उ०प्र०, लखनऊ विशिष्ट अतिथि के रुप में रहेंगे।