फर्रुखाबाद,(द दस्तक 24 न्यूज़) 10 जनबरी 2025 आज राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय कढ़हर फर्रुखाबाद द्वारा,आयुष आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत,कस्बे के एकीकृत सेवा केंद्र पर एक निःशुल्क होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया । इस शिविर में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने कुल 124 रोगियों (64 पुरुष और 60 महिला) का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें होम्योपैथिक उपचार उपलब्ध करवाया। इस शिविर में रोगी ,सर्दी,जुकाम,खांसी,चर्म रोग ,बीपी,हृदय रोग, स्वांस दमा,एलर्जी,गठिया आदि से पीड़ित मिले। इस शिविर में चिकित्सक ने सभी रोगियों को होम्योपैथिक उपचार के साथ साथ ,जनपद में चल रहे 100 दिवसीय सघन टीबी खोज अभियान के अंतर्गत ,रोगियों,उनके परिजनों एवं ग्रामवासियों को राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में जागरूक कर समझाया कि टीबी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है,इसीलिए समय पर अपने निकटतम सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपने बलगम की जांच अवश्य करवाएं क्योंकि ये बीमारी किसी टीबी संक्रमित व्यक्ति के खांसने छींकने से ही फैलती है,लेकिन यह कोई छुआछूत की बीमारी नहीं है।बलगम की जांच में संक्रमित पाए जाने पर,सभी सरकारी चिकित्सालयों पर इसका उपचार पूरी तरह से निःशुल्क है और अब सरकार , टीबी का नियमित इलाज ले रहे रोगी को उसके उचित पोषण के लिए हर माह 1000 रुपए की सहयोग राशि भी पूरे इलाज के दौरान देती है ।ऐसे सभी व्यक्ति जिनका वजन घट रहा हो, मधुमेह से पीड़ित,HIV AIDS से संक्रमित व्यक्ति, किसी भी रूप में तंबाकू या शराब का नियमित सेवन करने वाले, टीबी से पूर्व में संक्रमित व्यक्ति एवं उनके सभी परिजन,ऐसे सभी व्यक्तियों को टीबी के इन्फेक्शन का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले कोई अधिक रहता है, अतःऐसे सभी व्यक्ति,अपने बलगम की जांच अवश्य करवाए,और यदि जांच में संक्रमित पाए जाते हैं, तो निसंकोच से टीबी का इलाज नियमित रूप से लें,बीच में एक भी दिन दवाई की नागा ना करें ,साथ में पौष्टिक आहार भी लेते रहें,क्योंकि बीच में ही इलाज अधूरा छोड़ने पर रोगी पर वही दवाइयां फिर से उतनी प्रभावी नहीं रह जाती,और इसे रोगी के ठीक होने की संभावना कम हो जाती है,क्योंकि बीच में इलाज छोड़ने से,टीबी का कीटाणु, टीबी की प्रचलित दवाइयों के प्रति प्रतिरोधक हो जाता है,और साथ में ही अधूरा इलाज लेने पर वह रोगी खांसने छींकने से,अपने संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी तेजी से टीबी से संक्रमित करता चला जाता है, इस प्रकार एक दूसरे से संक्रमित होकर अन्य लोग भी टीबी के शिकार होते चले जाते हैं। इस जागरूकता स्वास्थ्य शिविर में चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह के साथ, कक्ष सेवक आकाश मसीह, स्वच्छक आलोक कुमार,एवं ग्राम प्रधान ओर ग्रामीण जन उपस्थित थे।