फर्रुखाबाद:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कायमगंज में बुधवार को नसबंदी शिविर का आयोजन हुआ। इसमें 38 महिलाओं ने नसबंदी अपनाई। ऑपरेशन के बाद महिलाओं को एंबुलेंस की सहायता से उनके घरों तक भेजा गया।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. दलवीर सिंह ने बताया कि 1 अप्रैल 2021 से जनवरी 22 तक जनपद में लगभग 326 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा ली 2 पुरुष नसबंदी, 7,947 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, 7,270 महिलाओं ने आईयूसीडी, 3194 महिलाओं ने त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा और लगभग 20,139 महिलाओं ने साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया को अपनाया है यह शिविर उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के प्रयास से आयोजित हुआ था।
उन्होने कहा कि परिवार नियोजन के मामले में पुरुष अब भी अपनी भूमिका नहीं निभा रहे हैं जबकि परिवार को सही दिशा की ओर ले जाने की जिम्मेदारी पुरुष की ही होती है
एसीएमओ ने बताया कि यह जमीनी कार्यकर्ताओं की ही मेहनत है जोकि चार वर्ष में पहली बार इतनी बढ़ी संख्या में महिला नसबंदी हुई है
यूपीटीएसयू के परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कमालगंज में 17 फरवरी, मोहमदावाद में 19, और 24 फरवरी को राजेपुर सीएचसी पर फाउंडेशन ऑफ रिप्रोडक्टिव हेल्थ सर्विसेज ऑफ़ इंडिया संस्था के द्वारा महिला नसबंदी शिविर लगाए जायेंगे। इन शिविरों का आयोजन डॉ आशा अरोड़ा स्टाफ नर्स नीरज, काउंसलर निशा मिश्रा और अश्वनी दुवे की देखरेख में किया जा रहा है डॉ राममनोहर लोहिया महिला अस्पताल में प्रतिदिन परिवार नियोजन के साधन इच्छा अनुसार दिए जा रहे हैं।
सीएचसी कायमगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ शिवप्रकाश ने बताया कि सीएचसी पर कोरोना से निपटने के साथ ही अन्य कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं को अंतरा इंजेक्शन, गर्भनिरोधक गोलियां एवं परिवार नियोजन से संबंधित परामर्श दिया गया है। नसबंदी कराने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन राशि उनके खाते में भेजी जाएगी ।
डॉ शिवप्रकाश ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने में सीएचसी के बीसीपीएम विनय मिश्र का बहुत बढ़ा योगदान रहता है इन्होने अब तक 2 पुरुष नसबंदी स्वयं और इनके और आशा कार्यकर्ताओं के प्रयास से इस वित्तीय वर्ष में अब तक 98 महिला नसबंदी कराई जा चुकी हैं
अताईपुर जदीद की रहने वाली 28 वर्षीय महिला काल्पनिक नाम नेहा ने सीएचसी पर लगे नसबंदी शिविर में अपनी नसबंदी कराई उन्होंने बताया कि मुझे टीबी की बीमारी हो गई थी जो अब ठीक हो गई मेरे दो बेटे हैं अब और बच्चे नहीं चाहते है
जिजपुरा की रहने वाली 34 वर्षीय महिला काल्पनिक नाम रजनी ने कहा कि मेरे चार बच्चे हैं सबसे छोटा बच्चा पांच साल का है ने कहा नसबंदी से पहले कापर टी लगवाई थी मुझे और बच्चे नहीं चाहिए थे इसलिए मैंने अपनी नसबंदी कराई
मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत आने वाले जिलों में नसबंदी अपनाने वाले पुरुषों को प्रोत्साहन राशि के रुप में 3,000 रुपये और महिलाओं को 2,000 रूपये की राशि दी जाती है। साथ ही नसबंदी के लिए दंपति को अस्पताल लाने वाली आशाओं को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये और महिला नसबंदी पर 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। पीपीआईयूसीडी लगवाने वाली महिला को 300 रूपए और सेवा प्रदाता को 150 रूपए की धनराशि दी जाती है अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं को 100 रुपये की राशि दी जाती है। वहीं इन महिलाओं को लाने वाली आशा कार्यकर्ता को 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस दौरान सीएचसी पर बीपीएम राजीव कुमार, बीसीपीएम विनय मिश्र, परिवार नियोजन सलाहकार शीनू, आशा कार्यकर्त्ता और लाभार्थी मौजूद रहे