फर्रुखाबाद ,24 अगस्त 2023 स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने एवं जन समुदाय को आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी और एएनएम के माध्यम से संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक करता रहता है, फिर भी जनपद में अब भी गर्भवती और गर्भस्थ शिशु की जान जोखिम में डालकर घरेलू प्रसव कराए जा रहे हैं l गृह प्रसव रोकने और मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम और आशा संगिनी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्दाबाद और राजेपुर में उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपी टीएसयू) के सहयोग से गुरुवार को प्रशिक्षण दिया गया l
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और आरसीएच के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि सरकार मातृ और शिशु मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमन्त्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमन्त्री मातृ वंदना योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम आदि चला रही है, फिर भी जनपद में एनएफएचएस 5 (2019- 21) के अनुसार 30.7 प्रतिशत लोग घरेलू प्रसव करा रहे हैं l इसी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जनपद में माह एक अक्टूबर 2022 से 31 दिसंबर 2022 के बीच हुए कुल प्रसव का डाटा एकत्र करके यह ज्ञात किया कि विगत तीन माह में कुल कितने घरेलू प्रसव हुए l उसके बाद दूसरा चरण सितंबर माह में शुरू होगा, जिसमें 20 प्रतिशत से अधिक गृह प्रसव वाले आशा क्षेत्र में हुए कुल प्रसवों की सभी प्रसूताओं से बातचीत कर गृह प्रसव कराने का कारण जानने की कोशिश की जायेगी l
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) मोहम्मदाबाद के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) डॉ. गौरव यादव ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा “घरेलू प्रसव को हम तभी रोक सकते हैं जब तक समुदाय को संस्थागत प्रसव के लिए आप सही से जानकारी देंगे, इसके लिए जरूरी है कि शिशु के गर्भ में आते ही गर्भवती की सभी जांचहोने के साथ टीके भी लग जाने चाहिए l साथ ही इस दौरान उनको संस्थागत प्रसव के बारे में और सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी देना जरूरी है l”
उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई से डीएसओ सुखवीर ने कहा कि गृह प्रसव रोकना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है l इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती को समय पर अस्पताल ले जाकर सुरक्षित प्रसव कराकर मां और बच्चे को सुरक्षा प्रदान करना है l इसके लिए हमें आशा कार्यकर्ता के माध्यम से गर्भवती और उसके घर वालों को संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक करना होगा, तभी हम घरेलू प्रसव को रोक सकते हैं l
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीपीएम राजेपुर रोहित सिंह, मोहम्दाबाद राजीव शर्मा बीसीपीएम राजेपुर विजय पाल यूनिसेफ से डीएमसी अनुराग दीक्षित सहित आशा संगिनी, एएनएम और सीएचओ मौजूद रहे l