फर्रुखाबाद : जनपद को कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में 12 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों का कोविड के टीके से प्रतिरक्षित करने की शुरुआत बुधवार से सिविल अस्पताल लिंजीगंज से की जा रही है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्रा का ।
सीएमओ ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहले से ही टीकाकरण हो रहा है | इंटर कालेजों में शिविर लगाकर किशोर किशोरियों का भी टीकाकरण किया जा चुका है जो बच्चे छूट गए है उनका भी टीकाकरण हो रहा है | सीएमओ ने कहा कि कोरोना से सुरक्षित रहने का एकमात्र विकल्प वैक्सीन ही है जिसने कोरोना संक्रमण को काफी हद तक रोका है | वैक्सीन लगवाने वालों के लिए कोरोना का खतरा काफी कम हो जाता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने कहा कि जिले में 18 वर्ष से अधिक आयु के 15,21,536 लोगों ने पहली खुराक लगवाई है व 11,81 ,864 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने दोनों खुराक ले ली हैं।15 से 17 वर्ष के 1,32,220 किशोर किशोरियों के टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके सापेक्ष अभी तक 1,85,245 किशोर किशोरियों के टीका लग चुका है। वहीँ 22,207 लोगों को एहतियाती डोज भी लगाया जा चुका है ।
डॉ. वर्मा ने बताया कि बताया कि 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को बूस्टर डोज भी दी जाएगी। उन्होंने आमजनमानस से अपील की जिस तरह से आपने अभी तक टीकाकरण में सहयोग दिया है इस अभियान को भी सफल बनाने में अपना सहयोग दें | साथ ही कहा कि 12 से 14 वर्ष के बच्चों को कोर्बेवैक्स वैक्सीन की डोज दी जाएगी। जिले को 43 हजार कोर्बेवैक्स वैक्सीन की डोज प्राप्त हो गई है ।
2008 से 2010 के बीच जन्म हुआ तो लगेंगे टीके
जिले में 3 जनवरी, 2022 से पहली बार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू हुआ था। तब से 15 से 18 वर्ष के बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं। इस कारण बड़े बच्चों के स्कूल खोलने में भी आसानी हुई। अब 12 वर्ष के बच्चों को भी टीका लगाने से छोटे बच्चों को भी स्कूल भेजने में कोई हिचक नहीं रहेगी। जिन बच्चों का जन्म वर्ष 2008, 2009 या 2010 में हुआ है, उन्हें टीके लगाए जाएंगे।