(द दस्तक 24 न्यूज़) 18 जुलाई 2024 गुरूवार को विकास भवन के सभागार में डॉ. बी.के. सिंह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन हुआ। जिसमें अरविन्द कुमार मिश्र मुख्य विकास अधिकारी, श्याम कुमार तिवारी जिला विकास अधिकारी, थान सिंह गौतम उप कृषि निदेशक, बी.के. सिंह जिला कृषि अधिकारी, राघवेन्द्र सिंह आलू एवं शाकभाजी अधिकारी, संतीश कुमार उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, बी.के. अग्रवाल सहायक आयुक्त सहकारी समितियाँ, विपिन कुमार जिला प्रबन्धक (पीसीएफ), प्रदीप कुमार यादव वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबन्धक इफको, विनोद कुमार अधिशाषी अधिकारी (नगर पालिका परिषद फर्रुखाबाद), ओम प्रकाश उप प्रभागीय वनाधिकारी, मसीउल्लाह अधिशासी अभियन्ता विद्युत, बी.डी वर्मा अग्रणी जिला प्रबन्धक (बैंक ऑफ इण्डिया), सूरज सहाय सक्सेना मण्डी सचिव (सातनपुर), पुरूषोत्तम दास खाद्य एवं रसद विभाग, शिव नरेश ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक शंशाक कुमार अधिशासी अभियन्ता नलकूप खण्ड, सहायक अभियन्ता जल निगम (ग्रामीण), राजेश कुमार चौरसिया जिला पंचायत राज अधिकारी, डॉ. मनोज कुमार शर्मा उप पशु चिकित्साधिकारी, उपेन्द्र नाथ खरवार भूमि संरक्षण अधिकारी, मुरलीधर पीड्ब्लूडी, सत्येन्द्र सिंह जिला कृषि रक्षा अधिकारी, मितेश यादव जिला विकास प्रबन्धक (नाबार्ड), दुर्ण कुमार अधिशाषी अभियन्ता (सिचाई), डॉ.अभिमन्यु कृषि विज्ञान केन्द्र (जाजपुर बंजारा) के बैज्ञानिक एवं अन्य विभागो के अधिकारीगण उपस्थित रहें।
सर्वप्रथम मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गत माह के किसान दिवस में प्राप्त शिकायतों की कार्यवाही से सम्बधित समीक्षा की गयी, जिसमें उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि कुल 14 शिकायतो / समस्याओ पर चर्चा हुयी थी जिसमें से कुल 12 शिकायतों की निस्तारण आख्या सम्बधिंत विभागों से आख्याऐ प्राप्त हुयी थी। जिसमें से उपायुक्त जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय एवं अधिशाषी अधिकारी, जिला पंचायत कार्यालय से अनुपालन आख्याये कार्यालय में अप्राप्त थी।
जिलाधिकारी द्वारा किसान दिवस में आये कृषक बन्धुओ को 20 जुलाई 2024 को होने वाले वृहद वृक्षारोपण में भाग लेने हेतु कृषक बन्धुओ को प्रेरित किया और बताया कि इस महा अभियान में अधिक से अधिक कृषक अपने खेतो की मेड़ो पर, खाली पड़ी जमीन में अपनी जरूरत मद पौधो जैसे-नीबू, जामून, शीशम, सागौन, कटहल, आम, अमरूद, शहजन के पौधों को लगायें तथा उनकी परवरिश पर अवश्य ध्यान दे क्योकि हम पौधे तो लगाते है लेकिन उनकी देख-भाल नही करतें, जिससे आने वाली हमारी पीढी को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सकें, फसलों में रसायनिक खादो, कीटनाशकों एवं खरपतवार नाशियों का कम से कम प्रयोग करें, जिससे वातावरण एवं स्वास्थ्य अच्छी रहे। इसके अलावा फसलों में मोटे अनाजो (श्री अन्न) जैसे ज्वार, बाजरा, साँवा, कोदो, काकुन, रॉगी, मडुआ, आदि फसलों की खेती कर अपने दैनिक भोजन में अपनायें तथा जीवन को रसायन मुक्त बनायें।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद के सभी विकास खण्डो पर स्थिति राजकीय कृषि बीज भण्डारो पर खरीफ सत्र के बीजो का अनुदान काटकर पास मशीन से मौके पर ही अनुदान काटकर दिया जा रहा है। जिप्सम पर भी 210 रू0 की बोरी अनुदान मशीन से 56 रू0 प्रति बोरी की दर से उपलब्ध करायी जा रही है। किसानो को मृदा परीक्षण करा कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड की रिपोर्ट के आधार पर संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी गयी।
डॉ. अभिमन्यु, कृषक बैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र जाजपुर बंजारा द्वारा किसानों को बताया कि खरीफ मौसम में बोई जाने वाली फसलों के बीजोपचार एवं भूमि शोधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। बरसात का मौसम चल रहा है जिसकी विस्तार पूर्वक भू-जल संरक्षण की जानकारी कृषकों को दी गयी। जनपद के कृषकों को सम्बोधित करते हुये बताया गया कि कृषकों को पुरानी पद्धति पर मोटे अनाजों (श्री अन्न) का उत्पादन कर पर्यावरण एवं स्वयं को स्वस्थ्य रखा जा सकता।
किसानों द्वारा किसान दिवस में निम्न समस्याओ पर चर्चा की गयी जैसे-धान की रोपाई करने हेतु नहर में पानी को टेल तक पहुँचाया जायें, खरीफ सीजन की बुआई चल रही है। सिचाई हेतु विद्युत की व्वस्था पूर्ण की जायें। जो नलकूप खराब पडे है उनको सही कराया जाये। खाद एवं उर्वरक की व्यवस्था समय से करायी जायें। किसानो को अपने व्यक्तिगत कार्य हेतु 08 से 10 ट्रालियो मिट्टी डलवाने की छूट दी जायें तथा बालू की एक ट्राली की रशीद जो 2000.00 रु० है खनन विभाग द्वारा सस्ती कराई जाये। बाढ में किसानो की जो फसलें खराब हो जाती है उनका सर्वे करा कर उचित मुआवजा दिलाये जाने की माँग की। सातनपुर भोपत पट्टी अन्डरपास में जल भराव की समस्या को दूर कराया जायें। बैंको को के०सी०सी० पर लगने वाले ब्याज एवं सरचार्ज का ब्योरा बैंको में बोर्डो पर अंकित कराया जायें। अन्त में जिलाधिकारी द्वारा किसान दिवस में आये समस्त अधिकारियों को किसानों की समस्याओ का निस्तारण प्राथमिकता पर समयवद्व करने हेतु आदेश दिये गये एवं जिन शिकायतों के निस्तारण में समय लगने की सम्भम्बना हो ऐसे कृषकों को कृत कार्यवाही से अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया।