सदर तहसील में अभी कुछ दिन पूर्व में बुलंद भारत अखबार में लेखपाल रोशन लाल की धांधली को प्रकाशित किया गया था जिसमें साफ-साफ दिखाया जा रहा है कि एक व्यक्ति जो सरकार की नौकरी कर रहा है उस व्यक्ति की बेटी का आय प्रमाण पत्र बनने के लिए जब उसने आवेदन किया तो उसके हल्के के लेखपाल ने उसमें उसकी सैलरी स्लिप को लगाने को लिखकर कैंसिल कर दिया लेकिन मामला जब वजीफा पाने का हो तो लोग भी जानते हैं कि यहां रिश्वत देने से सब होता है चंद दिनों बाद उस व्यक्ति ने दूसरे जन सेवा केंद्र पर संपर्क किया और उस संपर्क के दायरे में आने के बाद उस व्यक्ति ने पुनः आवेदन किया सूत्रों की माने तो उस आवेदन में लेनदेन की बात भी हुई और उसी व्यक्ति का लेखपाल रोशन लाल ने महज ₹4000 महीने की आमदनी का आय प्रमाण पत्र बना दिया दस्तक न्यूज़ ने जब इस को कवरेज किया और लेखपाल से पूछा गया तो लेखपाल ने बताया कि जांच करने व्यक्ति के घर कोई भी नहीं गया व्यक्ति ने पूर्व में बने हुए आय प्रमाण पत्र को लगाया था पूर्व में बने आय प्रमाण पत्र को दिखाने की बात कही तो लेखपाल बगले झांकने लगे मामले को संज्ञान में लेते हुए तहसीलदार से बात की तो इधर उधर की बात को कह कर मामला खत्म करने की कोशिश की जा रही है जहां एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भारत होने की बात कह रही है वहीं दूसरी तरफ मिलजुल कर अधिकारीगण मोटी रिश्वत लेकर असंभव कार्य को संभव करने में लगे हुए हैं और सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे है देखना अब यह है कि खबर प्रकाशित होने के बाद कोई कार्यवाही होती है या नहीं क्योंकि एक बार खबर बुलंद भारत ने प्रमुखता से छापी थी