फर्रुखाबाद,आज 25 जुलाई 2023 को निषाद पार्टी फर्रूखाबाद द्वारा जिला कार्यालय बढ़पुर पर कार्यक्रम आयोजक जिलाध्यक्ष अनिल कश्यप, युवा जिलाध्यक्ष अजीत बाथम एवं आदि समाजसेवियों ने ’पूर्व सांसद वीरांगना फूलन देवी के चित्र पर माल्यार्पण कर शहीद दिवस को अधिकार दिवस’ के रूप में मनाया। समाजसेवी अमरनाथ कश्यप ने सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि बागी से सांसद बनी फूलनदेवी भारत की एक राजनेता थीं। पूर्व सांसद का जन्म 10 अगस्त 1963 को तथा मृत्यु 25 जुलाई 2001 को हो गयी थी। मल्लाह वर्ग में उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव गोरहा का पूर्वा में एक मल्लाह के घर हुआ था। ज्ञानेन्द्र कश्यप ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1994 में, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने उनके खिलाफ सभी आरोपों को सरसरी तौर पर वापस ले लिया और फूलन को रिहा कर दिया गया। वह तब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में संसद के चुनाव के लिए खड़ी हुईं और दो बार मिर्जापुर के लिए संसद सदस्य के रूप में लोकसभा के लिए चुनी गईं। 2001 में, शेर सिंह राणा द्वारा नई दिल्ली में उनके आधिकारिक बंगले (सांसद के रूप में उन्हें आवंटित) के द्वार पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिनके रिश्तेदारों को उनके गिरोह द्वारा बेहमई में मार डाला गया था। संदीप कश्यप ने बताया कि 1994 की फिल्म बैंडिट क्वीन (जेल से उनकी रिहाई के समय के आसपास बनी) उस समय तक उनके जीवन पर शिथिल रूप से आधारित है। शेखर कपूर ने माला सेन की 1993 की पुस्तक भारत की बैंडिट क्वीनः द ट्रू स्टोरी ऑफ फूलन देवी पर आधारित फूलन देवी के जीवन के बारे में उनके 1983 के आत्मसमर्पण के बारे में बताया। इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे। फूलनदेवी के साहस से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है उनके अदम्य साहस की गाथा को आने वाली पीढ़ी को जरूर बतायें। समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहना पड़ेगा और जब तक अधिकार मिल न जाये ंतब तक शांत नहीं बैठना है और निरन्तर अपने लक्ष्यों को पाने के लिए प्रयासरत रहना है। इस मौके पर अजीत बाथम, सुरेश कश्यप, सचेन्द्र कश्यप, राजकपूर, मुनेश कश्यप, अमरनाथ कश्यप, सतीश बाथम, कुलदीप बाथम, सुरेन्द्र पुजारी, राकेश बाथम, सोहन लाल, सर्वेश कश्यप, राजवीर कश्यप, कल्याण सिंह,नीरज कश्यप, गोधनलाल कश्यप, गीता बाथम, रविन्द्र बाथम, राहुल बाथम आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संजीव बाथम ने किया।