फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने फाइलेरिया की दवा खाकर किया फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का किया शुभारंभ


फर्रुखाबाद,:जनपद सहित प्रदेश के 19 जिलों में गुरुवार यानि आज से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम शुरु हो गया है यह अभियान 27 मई तक चलाया जायेगा | इस दौरान जिलाधिकारी संजय सिंह ने स्वम फाइलेरिया की दवा खाकर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ किया l साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात कर्मचारियों और फरियादियों को भी दवा खिलाई गईl वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्रा ,एसीएमओ डॉ दलवीर सिंह, डीपीएम कंचन बाला अभियान के नोडल अधिकारी डॉ यू सी वर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी के पी दुबे विश्व स्वास्थ्य संगठन से एसएमओ डॉ नित्यानंद ठाकुर और पीसीआई संस्था से जिला समन्वयक अमर सिंह ने और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने दवा खाकर अभियान का शुभारंभ किया l इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा हमेंअपने जिले से ही नहीं इस देश से भी फाइलेरिया रोग का समूल नाश करने के लिए अभियान के दौरान आपके घर पर आने वाले स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा का सेवन करना है l
सीएमओ ने कहा कि प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोग के बारे में जागरूक करेंगे साथ ही अपने सामने दवा खिलाएंगे और किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जाएगा।यह दवा आपको फाइलेरिया रोग से सुरक्षित रखेगी इसको खाना है फेंकना नहीं l
सीएमओ ने कहा कि जनपद में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डीईसी और अल्बेंडालोल की निर्धारित खुराक कोविड सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए खिलाई जाएगी । दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवाएं नहीं खिलाई जाएंगी।
बेक्टर बोर्न डिजीज के नोडल डॉ यू सी वर्मा ने बताया हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाना , महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है । खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी के पी द्विवेदी ने बताया कि 2 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को फाइलेरिया की दी जायेगी। दवा खाली पेट नहीं खाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमार, गर्भवती और दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खानी है।
डीएमओ ने कहा कि अभियान के दौरान जिले के लगभग 18.72 लाख लोगों को अभियान के दौरान दवा खिलाई जायेगी l इसके लिए विभाग द्वारा 1550 टीमों को लगाया गया है साथ ही प्रत्येक ब्लॉक में एक रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है अगर किसी को दवा खाने के बाद कोई परेशानी होती है तो टीम द्वारा फौरन उसका इलाज किया जाएगा l
फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
*घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
*आसपास पानी न जमा होने दे
*गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे
*चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
*पूरी बाजू का कपड़ा पहने
इस दौरान फाइलेरिया निरीक्षक दीपांशु यादव, विकाश, मलेरिया निरीक्षक नरजीत कटियार सहित अन्य लोग मौजूद रहे l