फर्रुखाबाद ,27 जून 2023 मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और परिवार नियोजन के साधनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले में आज यानि 27 जून से दंपति सम्पर्क पखवाड़ा शुरु हो गया है जो 10 जुलाई तक चलेगा l इस दौरान आशा, एएनएम और स्वास्थ्य कर्मी घर घर जाकर परिवार नियोजन की जानकारी देंगे साथ ही सास बहू बेटा सम्मेलन और सारथी वाहन के माध्यम से भी परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करेंगे l इस बार विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की थीम आज़ादी के अमृत महोत्सव में हम लें ये संकल्प परिवार नियोजन का बनाएंगे खुशियों का विकल्प रखी गई है।
इसी क्रम में सीएचसी बरौनके अंतर्गत आने वाले ग्राम हाथीपुर और नगला नट में आशा कार्यकर्ता नाजमा नूर द्वारा योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक किया जा रहा है l
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार ने कहा कि हमें मातृ शिशु मृत्यु दर को अगर कम करना है तो परिवार नियोजन के बारे में सोचना ही पड़ेगा l परिवार को चलाने की जिम्मेदारी महिलाओं की ही नहीं पुरुष भी उसमें बराबर के भागीदार हैं l इसलिए पुरुषों को भी अपना दायित्व निभाते हुए पुरुष नसबंदी के बारे में सोचना चाहिए l
सीएमओ ने बताया कि विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा दो चरणों में मनाया जाएगा। दो चरणों में चलने वाले कार्यक्रम में विविध गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। सघन प्रचार-प्रसार के माध्यम से दंपति संपर्क के साथ जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का पहला चरण आज से शुरू हो गया जो 10 जुलाई तक चलेगा , जबकि दूसरे चरण में सेवा प्रदायगी पखवाड़ा 11 जुलाई से मनाया जाएगा। जो 24 जुलाई तक चलेगा इस दौरान इच्छुक लोगों को परिवार नियोजन की सेवाएं प्रदान की जाएंगी l
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि दंपति संपर्क पखवाड़ा के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता ऐसे योग्य दंपति से संपर्क करेगें जिन्हें परिवार नियोजन के बारे में परामर्श की आवश्यकता है। हर इच्छुक लाभार्थी के लिए पुरुष या महिला नसबंदी की पूर्व पंजीकरण की भी सुविधा होगी।
परिवार नियोजन के जनपद सलाहकार विनोद कुमार ने बताया कि दंपति सम्पर्क पखवाड़ा के दौरान आज से 10 जुलाई के बीच उपकेंद्र स्तर पर सास बहू बेटा सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे साथ ही 7 जुलाई से 10 जुलाई के बीच में जिले में सारथी वाहन चलाया जाएगा l जिसके द्वारा योग्य दंपति को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक किया जायेगा l
विनोद ने बताया कि वित्तीय वर्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3 पुरुष नसबंदी, 751 महिला नसबंदी,7,679 आईयूसीडी,12,959 पीपीआईयूसीडी, 10,435 त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, 60,871 माला एन, 6,72,487 लाख कंडोम, 41761 ई सी पी, 33,117 छाया के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं।
आशा कार्यकर्ता नाजमा नूर ने बताया कि हम अपने कार्यक्षेत्र में लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी देते आ रहे हैं लोग इस बारे में सुनते हैं और परिवार नियोजन के साधन भी प्रयोग करते हैं l लेकिन पुरुष नसबंदी की बात करते ही महिलाएं कहती हैं हम अपनी नसबंदी करा लेंगे पर अपने आदमी की नहीं l इस बार मेरा भरसक प्रयास रहेगा की इस मिथ को भी तोड़ कर पुरुष नसबंदी कराने की कोशिश करेंगे l
सीएचसी राजेपुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी और पुरुष नसबंदी स्पेशलिस्ट डॉ मो आरिफ़ सिद्दीकी कहते हैं कि महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी आसान है l बिना चीरा टांका लगाए इसको किया जा सकता है और इससे पुरुष की मर्दानगी पर कोई असर नहीं पड़ता है l पुरुष नसबंदी 3 माह बाद प्रभावी होती है तब तक पुरुष को कंडोम का प्रयोग करना चाहिए l इस नसबंदी के होने के बाद पुरुष जैसे पहले रोजमर्रा के काम करता था वह करने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी l बस कुछ सावधानी रखने की जरुरत है जैसे दो तीन दिन साइकिल न चलाएं, भारी सामान न उठाएं, अपने अंग की साफ सफाई रखें l
डॉ आरिफ ने बताया कि इसकेे लिए सरकार द्वारा पुरुष को 3000 रूपये भी दिए जाते हैं l