फर्रुखाबाद -जान जोखिम में डाल करते हैं कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग:सीएमओ

जान जोखिम में डाल करते हैं कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग:सीएमओफर्रुखाबाद, 17 जनवरी 2022 कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों को ट्रेस कर पाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन इस कार्य में लगे कांटेक्ट ट्रेसर को अपनी जान जोखिम में डाल कर यह काम कर रहे हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्रा का।
सीएमओ ने कहा कि लोगों को लापरवाही के कारण जिस तरह कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। वह दिन दूर नहीं कि इससे कोई भी अछूता नहीं रहेगा।
कोविड कमांड सेंटर सिविल अस्पताल लिंजीगंज में कोविड कमांड सेंटर इंचार्ज के पद पर तैनात संजय बाथम का कहना है कि मुझे मानव सेवा करने का भाव अपने माता पिता से मिला | मेरे पिता लज्जाराम बाथम लोहिया अस्पताल में एक्सरे टैक्निसियन के पद पर तो माता अमरा देवी स्टाफ नर्स के पद पर तैनात रहीं अब दोनों लोग सेवानिवृत हो चुके हैं |
संजय कहते हैं कि जब से कोरोना नाम की संक्रामक बीमारी आई है तब से मैं कोरोना से संक्रमित लोगों को ट्रेस कर उनको कोरोना से बचने और उनके संपर्क में आये लोगों की जानकारी कर उनको कोविड की जाँच के लिए प्रेरित करता हूँ साथ ही संक्रमित व्यक्ति को दवा देकर होम आइसोलेट करना मेरा काम है |
संजय कहते हैं इस काम में जोखिम भी है जब संक्रमित व्यक्ति के घर उसके बारे में जानकारी करने जाओ तो कुछ लोग अभद्रता पर उतारू हो जाते है यह सही नहीं है हम लोग आपकी सेवा के लिए ही कार्य कर रह हैं |
संजय कहते हैं कि मैं पहली लहर में 2 बार तो दूसरी लहर में 3 बार कोरोना पाजिटिव आ चुका हूँ यह कहीं न कहीं कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद ही हुआ है |
संजय कहते हैं कि मैं अब तक लगभग 23 हजार लोगों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर चुका हूँ इसके लिए मुझे सांसद मुकेश राजपूत के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है |

इस बारे में सिविल अस्पताल लिंजीगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ आरिफ सिद्दीकी ने कहा कि संजय इस काम को बखूबी मन से करते है चाहे दिन हो या रात सभी संक्रमित व्यक्ति को ट्रेस कर उनके घर जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी कर उनको दवा भी देते हैं |
डॉ आरिफ़ ने कहा कि पिछली लहर में जब लोग अपने घर बालों को पाजिटिव आने पर छूते नहीं थे तब संजय उनके घर जाकर उनको खुद उतारकर अस्पताल में भर्ती कराते थे |
डॉ आरिफ ने बताया कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का उद्देश्य होता है लोगों को आगाह करना ताकि वे किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना पहुंचें और इस तरह से खुद भी इस वायरस को फैलाने से बचें | कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बेहद अहम है |अगर यह ठीक से किया जाए तो सुनिश्चित किया जा सकता है कि दोबारा कभी लॉकडाउन की कोई जरूरत नहीं रहेगी| लेकिन यह कहने में जितना आसान है, करने में उतना ही मुश्किल |
डॉ आरिफ ने बताया कि किसी व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद कॉन्टैक्ट ट्रेसर उससे संपर्क करता है और पता लगाता है कि वह कहां गया और किन लोगों के आसपास रहा | ट्रेसर उन लोगों पर ध्यान देता है जो आम तौर पर व्यक्ति के इर्दगिर्द रहते हैं, जैसे कि घर या दफ्तर में या फिर जो लोग छह फीट से कम दूरी में व्यक्ति के आसपास रहे |