फर्रुखाबाद: कलेक्ट्रेट एवं तहसीलों में कार्यरत लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों ने 22 सूत्रीय मांगपत्र मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौपा ?

(द दस्तक 24 न्यूज़) , 22 अगस्त 2024 उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रिीयल कर्मचारी संघ के प्रान्तीय नेतृत्व के आह्वाहन पर कलेक्ट्रेट परिसर में कलेक्ट्रेट एवं तहसीलों में कार्यरत लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों ने अपने 22 सूत्रीय मांगपत्र की पूर्ति हेतु जिला मंत्री संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी फर्रुखाबाद के माध्यम से प्रस्तुत किया। धरने का नेतृत्व करते हुए  संजय कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि 22 सूत्रीय मांगो में से प्रमुख मांगे जैसे कलेक्ट्रेट कार्यालय को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए कार्मिकों का वेतन उच्चीकृत करने, कलेक्ट्रेट लिपिक संवर्ग सेवा नियमावली 2011 पूर्ववत लागू करने, लेखा का कार्य संपादित करने वाले पटल सहायकों को लेखा संवर्ग का वेतनमान दिये जाने, नवसृजित जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं नवसृजित तहसीलों में प्रशासनिक अधिकारी का पद सृजित किये जाने, भूलेख लिपिक का पद पूर्व की भांति कलेक्ट्रेट में वापस किये जाने, सामयिक सहायक वासिल वाकी नवीसों को रिक्त पदों के सापेक्ष एक मुश्त शत-प्रतिशत समायोजित किये जाने आदि प्रकरणों में विभागाध्यक्ष / मा० अध्यक्ष राजस्व परिषद उ०प्र० की संस्तुति हो जाने के उपरान्त भी अभी तक शासनादेश निर्गत न करने से कर्मचारियों में काफी कुण्ठा व्याप्त है, जिससे उनकी आर्थिक व मानसिक क्षति हो रही है।

शासन द्वारा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये बार-बार कार्मिकों को समय से पदोन्नति का शासनादेश निर्गत किया जाता है, किन्तु सेवा नियमावली में प्रदत्त व्यवस्था के तहत प्रशासनिक अधिकारियों एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों तथा मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर पदोन्नति हेतु पात्रता क्षेत्र के विस्तार का अनुमोदन शासन एवं राजस्व परिषद द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिससे पात्र कार्मिक पदोन्नति के लाभ से वंचित होकर सेवानिवृत्त हो जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कलेक्ट्रेट को मिनी सचिवालय घोषित किये जाने, लिपिक संवर्ग कर्मचारियों को नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति किये जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू किये जाने, सामयिक रूप से की गयी सेवाओं को सेवा अवधि में जोड़े जाने, रिक्त पदों पर यथाशीघ्र भर्ती किये जाने, पदोन्नतियों में आरक्षित रिक्तियों में पदों की गणना के संबंध में 0.51 के स्थान पर 01 पद स्थापित किये जाने, चिकित्सा प्रतिपूर्ति को आयकर आगणन में शामिल न किये जाने, सामूहिक बीमा की धनराशि को 10.00 लाख रू0 किये जाने आदि।

अनेकों मांगे शासन एवं राजस्व परिषद में अनावश्यक रूप से लंबित है। शासन का सबका साथ सबका विकास का नारा कर्मचारियों के प्रति खोखला साबित हो रहा है। उपरोक्त मांगे यथाशीघ्र पूर्ण न होने पर गंभीर आन्दोलन किये जाने की प्रबल संभावना है। धरने को संबोधित करते हुए श्री संजय कुमार मिश्रा ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि 17 सितंबर तक मांगो का सम्मानजनक निस्तारण नहीं होता है तो 18 सितंबर 2024 को गांधी प्रतिमा, हजरतगंज लखनऊ में पूरे प्रदेश के कर्मचारी धरना प्रदर्शन करेंगे। धरने को नवनीत कुमार विसारिया, पंकज यादव, सुशील कुमार, डा० रंजना, अजय राठौर, ऋतुराज, आशीष पाल,  अमन यादव, आशीष कुमार आदि ने भी संबोधित किया।