फर्रुखाबाद:टीकाकरण से छूटे बच्चों को किया जा रहा पूर्ण प्रतिरक्षित

फर्रुखाबाद ,17 फरवरी 2023 जिले में इस समय विशेष टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण चल रहा है जो 24 फ़रवरी तक चलेगा l इस दौरान किसी भी कारणवश छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है l इसी क्रम में सीएचसी कमालगंज के अंर्तगत आने वाले ग्राम ईशापुर में यूनिसेफ से डीएमसी अनुराग दीक्षित और बीएमसी सादिया ने स्वास्थ्य टीम के साथ मिलकर प्रतिरोधक परिवारों को समझाकर टीकाकरण कराया l

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार दिसम्बर 2023 तक मिजिल्स रूबैला उन्मूलन एवं सभी वैक्सीन रोधी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अर्न्तगत पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को एमआर की दो डोज एवं अन्य ड्यू वैक्सीन दी जा रही है। नौ माह से लेकर पांच साल तक के छूटे बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव को लेकर तीन माह का अभियान चलाया जा रहा है। इसका प्रथम चरण नौ से 20 जनवरी तक चला था। दूसरा चरण 13 फरवरी से शुरू हुआ है जो 24 फरवरी तक चलेगा। उन्होंने बताया कि टीकाकरण काफी सुरक्षित और असरदार हैं। कुछ टीकों के लगने के बाद बच्चों को बुखार भी आता है लेकिन इससे डरने की जरुरत नहीं है । इसके लिए सत्र स्थल पर एएनएम द्वारा दवा भी दी जाती है जिससे बुखार सही हो जाता है बुखार आने के भय से अपने बच्चे का टीकाकरण न रोकें यह उसके जीवन के लिए सही नहीं है l

यूनिसेफ से डीएमसी अनुराग दीक्षित ने बताया कि बच्चों के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । यह टीके बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं । अगर किसी बच्चे का टीकाकरण छूट गया है तो आपके पास में लगने वाले टीकाकरण सत्र पर जाकर अपने बच्चे को टीका लगवा सकते हैं l डीएमसी ने बताया कि ईशापुर में चार परिवार ऐसे थे जो भयवश टीका नहीं लगवा रहे थे आज उनमें से तीन लोगों ने अपने बच्चों के टीका लगवा लिया है l

यूएनडीपी से वीसीसीएम मानव शर्मा ने बताया कि 9 जनवरी से चले अभियान के दौरान बच्चों को टीबी से बचाने के लिए बीसीजी के 2637, ओपीवी के 13281, डीपीटी के 6569, डिप्थीरिया (गलघोंटू), काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस-बी और हिब जैसी पांच जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए 8867, बच्चों को पेंटावैलेंट के टीके, इंजेक्टेबल पोलियो के 9115, रोटा वायरस से बचाव के लिए 8844, निमोनिया से बचाने के लिए 897 टीके लगाए गए, वहीं खसरा व रूबेला रोग से बचाव के लिए 7392 बच्चों को एमआर का टीका दिया गया |

ईशापुर के रहने वाले शान मोहम्मद ने बताया कि मेरे बच्चे आतिफ को जब टीका लगा था तो उसको बुखार आ गया था उसी डर से मैंने टीका नहीं लगवाया आज मुझे इसके बारे में जानकारी दी गई तो टीका लगवा लिया है मेरी सभी से अपील है कि अपने बच्चों को टीका जरूर लगवाएं l