फर्रुखाबाद, 28 जून 2023 जनपद सहित प्रदेश के 27 जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 10 अगस्त से 28 अगस्त के बीच चलाया जायेगा | इस दौरान प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोग के बारे में जागरूक करेंगे साथ ही अपने सामने दवा खिलाएंगे और किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जाएगा। यह दवा आपको फाइलेरिया रोग से सुरक्षित रखेगी इसको खाना है फेंकना नहीं यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार ने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के उन्मुखीकरण के दौरान कहीं |
सीएमओ ने कहा कि जनपद में लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डीईसी और अल्बेंडालोल की निर्धारित खुराक मानकों का पालन करते हुए खिलाई जाएगी । दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवाएं नहीं खिलाई जाएगी।
सीएमओ ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन और पीसीआई संस्था स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेंगी l इसलिए इन संस्थाओं के प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए l
बेक्टर बोर्न डिजीज के नोडल डॉ यू सी वर्मा ने बताया हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना, महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है । खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया कि फ़ाईलेरिया रोग प्रबंधन के लिए 2 वर्ष से ऊपर तथा 5 वर्ष से छोटे बच्चों को डी.ई.सी. की 1 टैबलेट और एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट दी जाएगी एवं 5 वर्ष से ऊपर और 15 वर्ष से छोटे बच्चों को डी.ई.सी.की 2 टैबलेट व एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट तथा 15 वर्ष से ऊपर सभी व्यक्तियो को डी.ई.सी. की 3 टेबलेट व एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट दी जायेगी । डी.ई.सी. एवं अलबेन्डाजोल की टैबलेट को खाली पेट नहीं खाना चाहिए | यह दवाएं खाना खाने के बाद खानी है ऐसे व्यक्ति जो अधिक बीमार हो, गर्भवती एवं दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी।
डीएमओ ने कहा कि यह अभियान वर्ष में एक बार चलाया जाता है इसलिए सभी लक्षित वर्ग को इसका सेवन जरूर करना चाहिए l
डीएमओ ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं| साथ ही सभी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों से जल्द से जल्द कार्ययोजना तैयार करने को कहा है जिससे अभियान के दौरान कोई कमी न रह जाये |
डीएमओ ने बताया कि पिछला एमडीए अभियान 12 मई से 27 मई 2022 में चलाया गया था इस दौरान जिले की आबादी 22,36,655 के सापेक्ष 18,43,010 यानि लगभग 82 प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया निरोधी दवा खिलाई गई थी l इस बार हमारा प्रयास रहेगा कि जनपद की लक्षित शत प्रतिशत आबादी को अभियान के दौरान दवा का सेवन अवश्य कराया जाए l
डीएमओ ने बताया कि इस समय जिले में 1013 लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं जिनमें 531 लोगों को लिम्फोडीमा की शिकायत है तो वहीं 154 लोगों के हाइड्रसील के आपरेशन कराए जा चुके हैं शेष 328 लोगों के अभी शेष हैं जिनका भी जल्द आपरेशन कराने का प्रयास किया जाएगा l
फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
*घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
*आसपास पानी न जमा होने दे
*गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे
*चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
*पूरी बाजू का कपड़ा पहने
इस दौरान सभी सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी, बीसीपीएम, फाइलेरिया निरीक्षक अनिमेष शुक्ल, योगेश कुमार, दीपांशु यादव, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अशोक यादव, नरजीत कटियार, श्री राम शुक्ल,विश्व स्वास्थ्य संगठन से एसएमओ डॉ नित्यानंद ठाकुर, पीसीआई से सुहैब रजा सहित अन्य लोग मौजूद रहे l