(द दस्तक 24 न्यूज़) 05 फरवरी 2025 जिले की तहसील सदर के उपनिबंधक कार्यालय में तैनात सब रजिस्ट्रार रविकांत यादव के खिलाफ तहसील सदर के अधिवक्ताओं ने विरोध कर दिया है। अधिवक्ताओ का आरोप है कि रविकांत यादव तहसील सदर के उपनिबंधक कार्यालय मे सब रजिस्ट्रार के पद पर तैनात हैं और वह समाजवादी मानसिकता से काम करते हुए, भाजपा की सरकार, कानून और प्रशासन के साथ खिलवाड़ धड़ल्ले से कर रहे हैं, जिससे फर्रुखाबाद की भोली-भाली जनता को काफ़ी लूटने का काम कर रहे है। अधिवक्ताओं का कहना है कि सब रजिस्ट्रार रविकांत यादव की कार्यशैली अत्यधिक खराब है। खासकर,दस्तावेजों के पंजीकरण में मनमानी और भेदभावपूर्ण तरीके अपनाए जा रहे हैं। यह भी आरोप हैं कि लाभ के चक्कर में ही 4 बजे के बाद पंजीकरण कर दिया जाता है। वहीं, जिन दस्तावेजों का पंजीकरण करने पर सब रजिस्ट्रार को व्यक्तिगत लाभ होता है,उनका पंजीकरण बिना किसी रुकावट के कर दिया जाता है।
इससे तहसील सदर के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अतर सिंह कटियार, सचिव अतुल मिश्रा,उपाध्यक्ष योगेश चन्द्र दीक्षित, कोषाध्यक्ष अमित यादव,उमाशंकर सक्सेना,होशियार सिंह राजपूत,धुर्व सक्सेना, नवीन कटियार, नितीश शुक्ला, मुन्ना यादव, फिरोज अली,अजय मिश्रा,विकास वर्मा, राजीव यादव,मनोज कुमार यादव, सुनील सक्सेना गहरे रोष में हैं और उनके बीच इस व्यवहार को लेकर चिंता और नाराजगी बढ़ती जा रही है। अधिवक्ता उमाशंकर सक्सेना,संजीव शाक्य, राजीव चौहान,सुनील सक्सेना, जनार्दन राजपूत, नवीन कटियार,राजीव यादव,अमित यादव अजय मिश्रा, होशियार सिंह राजपूत,रविनेश यादव पूर्व सचिव व मनोज यादव ने बताया कि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के पंजीकरण में बार-बार देरी की जाती है और उन पर दबाव डाला जाता है। इसके चलते न केवल उनके पेशेवर जीवन में परेशानी बढ़ी है, बल्कि आम जनता को भी अत्यधिक समय और धन की बर्बादी का सामना करना पड़ रहा है।
इन सभी अधिवक्ताओं का कहना है कि इस प्रकार की कार्यशैली के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए और प्रशासन से हम सभी अधिवक्तागण यह अपील करते है कि सब रजिस्ट्रार रविकांत यादव के खिलाफ जांच कर उचित कार्रवाई की जाए और इन्हे इनके पद से वर्खास्त किया जाए ताकि फर्रुखाबाद की जनता और अधिवक्ताओं को न्याय मिल सके।
अधिवक्ताओं का यह भी कहना है कि यदि सब रजिस्ट्रार की इस व्यवहार पर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो वे प्रदर्शन को और तेज कर सकते हैं और प्रशासन से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर सकते हैं। यह मामला तहसील सदर में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है।