फर्रुखाबाद: 2 साल के काम, कागजों पर ही तमाम

फर्रुखाबाद में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है, लेकिन निर्बाध आपूर्ति के लिए संसाधन नहीं बढ़े हैं। इसी का नतीजा है कि गर्मी बढ़ते ही ओवरलोड ट्रांसफार्मर, जर्जर तार और बंच केवल दगा देने लगे हैं। व्यवस्था सुधारने की कवायद 2 साल से सिर्फ कागजों पर ही चल रही है। जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं दिख रहा है।

विद्युत वितरण मंडल फर्रुखाबाद के तहत 3 वितरण खंड हैं। दिसंबर 2019 में शहरी खंड में 63,237, ग्रामीण खंड के क्षेत्र में 1.17 लाख और डिवीजन के क्षेत्र में करीब 63,000 उपभोक्ता थे। 2 साल की संख्या में इजाफा हुआ। अब शहरी क्षेत्र में 64,031, ग्रामीण क्षेत्र में 120 लाख और कायमगंज क्षेत्र में करीब 65,000 उपभोक्ता हो गए हैं। 2 साल में करीब 7,794 नए उपभोक्ता बढ़ गए, लेकिन उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली देने के लिए इन 2 सालों में संसाधनों को सुधारने का कोई काम नहीं हुआ। संसाधनों को दुरुस्त रखने के लिए हर साल अधिकारी कागजों में मशक्कत कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई भी काम नहीं कराया गया। इसमें ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो चुके तो वहीं तार जर्जर हो चुके हैं। गर्मी बढ़ते ही दगा देने लगे हैं। शहर से लेकर गांव तक की बिजली व्यवस्था बदहाल हो गई है। शहरी क्षेत्र में जमीन पर खुले रखे 55 ट्रांसफार्मरों के चारों ओर जाल लगाने के लिए एस्टीमेट बनाकर जिले से भेजे गए थे।

शहरी क्षेत्र में 25 ओवरलोड ट्रांसफार्मर और 2 उपकेंद्रों के ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के लिए यह प्रस्ताव कई बार जिले से भेजा गया। सिर्फ दो ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई, जबकि 23 ट्रांसफार्मर और 2 उपकेंद्रों के ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं। ग्रामीण क्षेत्र के 60 ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। एक भी ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि आज तक नहीं हुई।

जर्जर बंच केबल तार बदलने के लिए कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा गया, लेकिन बंच केबल व तार बदलने के प्रस्ताव पास नहीं हुआ। कमालगंज के गांव पहला में 2014 से नया विद्युत उपकेंद्र बन रहा, जिस पर काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।

सवांददाता: सम्राट शाक्य