है किसानों की हालत क्यों बदतर यहीं
क्या कृषि प्रधान देश भारत है आज भी है वही
गूंजता था जहां जय जवान जय किसान का नारा
आज सड़कों पर सामना हुआ है यही
देश की सियासत में इतना बादशाहत है क्यों
आज सड़कों पर इतना हंगामा है क्यों
आज किसानों की हालत जब हुई है खराब
आज देश की हुकूमत है खामोश क्यों
देश का भाग्य विधाता है अन्नदाता यही
इतना जुल्म इनपर आज क्यों करते तुम
यही करते हैं तुम्हारे सियासत का फैसला
जानकर इनका हौसला कल को पछताओगे
ये पानी की बौछार ये आंसू के गोले
जो चली हैं पुलिस की इनपर लाठियां
आज दौड़ा के सड़कों पर जो पीटे गए हैं
वक्त आने पर जवाब देंगे जरूर।
गांव की गलियों से दिल्ली का सफर
सड़क से लेकर संसद भवन का सफर
खेतों की पगडंडियों से राजधानी का सफर
किसानों के मतों से होता है सियासत का पूरा सफर
मिल जाने पर कुर्सी भूल जाते हैं वक्त
बीता हुआ कल और आने वाला कल
सियासत को रियासत समझ बैठते हैं नेता
वक्त बीत जाने पर पछताते हैं बहुत।
युवा कवि/ लेखक
गोविन्द मौर्या – प्रेम जी
सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश)
govindlalmourya724@gmail.com