कलीनगर (पीलीभीत)। जंगल से सटे खेत में फसल की रखवाली करने गए किसान की मंगलवार रात भालू के हमले में मौत हो गई। बुधवार सुबह तक जब किसान घर नहीं पहुंचा तो परिजन ने खोजबीन की। परिजन को खेत में लहुलूहान हालत में शव पड़ा मिला। जानकारी के बाद भी दोपहर तक वन अफसरों के न आने से नाराज ग्रामीणों ने खटीमा मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। बराही के रेंजर अरुण मोहन ने मौके पर पहुंचकर मुआवजे का आश्वासन दिया तो ग्रामीण मानें। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
माधोटांडा क्षेत्र के पिपरिया संतोष गांव निवासी लालाराम (26) पुत्र रामूर्ति लाल का बराही के जंगल से दो सौ मीटर दूरी पर पांच बीघा खेत है। खेत में गेहूं की फसल लगा रखी है। परिजन ने बताया कि लालाराम मंगलवार शाम पांच बजे रोजाना की तरह फसल की रखवाली करने के लिए खेत पर गए थे। इसी दौरान जंगल से बाहर आए भालू ने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
बुधवार सुबह घर न पहुंचने पर परिजन ने खोजबीन शुरू की, पहले गांव में देखा। इसके बाद खेत की ओर पहुंचे तो वहां लहूलुहान शव बरामद हुआ। शव खेत में रखवाली के लिए बनाए गए मचान के पास पड़ा था। हमले में भालू ने लालाराम का सिर, मुंह बुरी तरह लहूलुहान कर दिया था। सीने और हाथों में भी गहरे घाव थे। लालाराम की मौत की खबर से घर में कोहराम मच गया।
जानकारी के बाद मौके पर भीड़ जुट गई। पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन दो घंटे बाद भी वन विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया। ग्रामीणों ने शव को खटीमा मार्ग पर ले जाकर रखकर जाम लगा दिया। ग्रामीणों की मांग पर कलीनगर चौकी प्रभारी सैफ ने रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव को मौके पर बुलाया। कुछ देर बाद रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव, सहेंद्र यादव मौके पर पहुंचे। परिजन से बातचीत कर पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आश्वासन दिया। इसपर ग्रामीण मान गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।