मैनपुरी में रोजगार सेवक बोले- हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो होगा बड़ा आंदोलन, सरकार को वादे याद दिलाने के लिए निकाली तिरंगा यात्रा

मैनपुरी के रोजगार सेवको ने ग्राम रोजगार सेवक एकता संघर्ष समिति के तत्वाधान में सरकार द्वारा किए गए वादों को को याद दिलाने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली। जिसको लेकर रोजगार सेवकों ने बताया कि सरकार ने उनके साथ जो वादा किया था, वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। सरकार को याद दिलाने के लिए रोजगार सेवकों द्वारा आज फिर से 4 अक्टूबर को तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया है। सरकार ने उनकी जायज मांगों को नहीं माना तो इसके बाद आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

तिरंगा यात्रा शहर में भ्रमण करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पर पहुंची, जहां काफी संख्या में पहुंचे रोजगार सेवकों ने जिलाधिकारी को सरकार के नाम ज्ञापन सौपा। ज्ञापन को लेकर जानकारी देते हुए रोजगार सेवक संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष नें बताया प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से निवेदन कर रहे हैं कि उन्होंने पिछले बीते 4 अक्टूबर 2021 को रोजगार सेवकों को लेकर जो घोषणा की थी, वह अभी तक पूरी नहीं की है।

जिसको लेकर प्रदेश की टीम ने यह घोषणा की थी कि सरकार को अपना भूला वादा याद दिलाने के लिए सभी जिलों की टीमें तिरंगा यात्रा निकालकर सरकार को अपना वादा याद दिलाएंगी। इसी कारण तिरंगा यात्रा निकाल कर डीएम को ज्ञापन दिया गया है।

जल्द हो सकता बड़ा आंदोलन
इसके बाद भी अगर सरकार उनकी सुनवाई सरकार नहीं करती है तो उनकी प्रांतीय कमेटी द्वारा आंदोलन की डेट जल्दी निश्चित की जाएगी और सभी रोजगार सेवक आंदोलन करने को बाध्य होंगे। अब सभी रोजगार सेवकों ने यह ठाना है, यह सरकार ऐसे उनकी सुनने वाली नहीं है। अब 2024 का चुनाव है, निवेदन करके अपना हक लेना चाह रहे हैं, निवेदन से नहीं मिला तो आंदोलन करके ले लेंगे। फिर भी आपने नहीं सुना तो 2024 का चुनाव आ रहा है, जिसके परिणाम आपको समझ में आ जाएंगे।

सरकार पूरी नहीं कर रही मांगे
रोजगार सेवकों से उनकी मांगों को लेकर बात की तो उन्होंने बताया उनकी जो मांगे हैं, उनमें जिन रोजगार सेवक की मृत्यु हो चुकी है, उनको सरकार ने कोई लाभ नहीं दिया है, वह लोग चाहते हैं उनको सरकार की तरफ से उनकी आर्थिक मदद की जाए और लाभ दिलाया जाए। सरकार ने जो रोजगार सेवकों को लेकर एचार पॉलिसी की घोषणा की थी, उसको पूरा किया जाए।

अपना मानदेय रिश्तेदारों को बताने में आती है शर्म
आप लोग देखिए कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार ने रोजगार सेवकों का 9000 से मानदेय 18,000 कर दिया है। राजस्थान सरकार ने मनरेगा कर्मचारियों को नियमित कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में रोजगार सेवकों का मानदेय 42,000 है। जबकि हम लोगों को अपने रिश्तेदारों को भी बताने में शर्म आती है कि 15 साल नौकरी करते हुए उनको हो गए और उनका मानदेय 7500 सौ रुपए है। इन्हीं सभी बात की पीड़ा को लेकर बहुत जल्द रोजगार सेवक आंदोलन करेंगे, फिर भी सरकार अगर नहीं सुनती है, तो वोट की चोट होगी।