पीलीभीत में बारिश से लड़खड़ाई बिजली, 20 घंटे ठप रही शहर की आपूर्ति

पीलीभीत में बुधवार देर रात से शुरू हुई बारिश बृहस्पतिवार शाम तक जारी रही। बारिश से बिजली आपूर्ति लड़खड़ा गई है। शहर में करीब 20 घंटे बत्ती गुल रही। जिले में सात मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश से किसानों के चेहरों पर खुशी है। गेहूं, लाही, मटर और आलू की फसल को लाभ हुआ है। टमाटर की फसल में नुकसान होने की आशंका है। कच्चे रास्तों पर कीचड़ हो गया। शहर की रामलीला रोड के गड्ढों में पानी भर जाने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। ठंड भी बढ़ गई है।

बुधवार दोपहर बाद से ही बादल छा गए थे। शाम तक पूरा आसमान काले बादलों से घिर गया। रात करीब नौ बजे बारिश शुरू हो गई। रात भर कभी तेज तो कभी हल्की बारिश होती रही। यह क्रम बृहस्पतिवार दोपहर तक बना रहा। बारिश से गेहूं, मटर, लाही, आलू और मसूर की फसल को लाभ हुआ है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस ढाका ने बताया कि शुक्रवार को मौसम साफ रहने की उम्मीद है। इसके बाद चार फरवरी को फिर बारिश होने के आसार है। बारिश से किसानों को खासा लाभ हुआ है।

दिन भर टीमें तलाशती रहीं फॉल्ट, ३५ हजार से ज्यादा उपभोक्ता रहे परेशान
बारिश से शहर की बिजली व्यवस्था लड़खड़ा गई है। शहर भर में 20 घंटे से ज्यादा समय तक बिजली गुल रही। इससे लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऊर्जा निगम के कर्मचारी एक फॉल्ट सही करते तो दूसरी जगह फॉल्ट हो जाता।

बृहस्पतिवार को दिन भर टीमें फॉल्ट दूर करने के लिए दौड़ती रहीं। बुधवार रात आठ बजे बारिश शुरू होते ही एक के बाद एक शहर के आधा दर्जन से अधिक मोहल्लों की बिजली गुल हो गई।
आलम यह हो गया कि बुधवार रात दो बजे के बाद पूरे शहर की ही बिजली गुल हो गई। रात भर विभाग ने बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं की। बृहस्पतिवार सुबह लोगों को पानी का संकट भी झेलना पड़ा। शहर के 35 हजार से ज्यादा उपभोक्ता परेशान रहे। पूरा दिन विभाग लोगों को बिजली सही होने का दिलासा देता रहा। दोपहर बाद लोगों के इन्वर्टर भी जवाब दे गए। लोगों ने जनरेटर किराए पर लेकर पानी भरा।

जर्जर लाइनें बदल जाएं तब नहीं होंगे फॉल्ट
जिले में रीवैंप योजना के तहत काम कराया जा रहा है। काम के धीमी गति के चलने से शहर की जर्जर लाइनों को अब तक नहीं बदला जा सका है। हल्की बारिश या हवा में ही बिजली लाइनें धोखा देने लगती हैं। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी महज कंपनी को नोटिस देने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

बारिश की वजह से शहर के कुछ स्थानों पर फॉल्ट आने की वजह से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। सूचना पर तत्काल टीमें मौके पर भेजकर उन्हें सही कराया गया है। – आशीष कौशल, एसडीओ टाउन

बारिश से शारदा नदी का रास्ता खराब, बसों का संचालन बंद
दोपहिया वाहनों का भी निकलना मुश्किल, 30 की जगह 130 किमी की दूरी तय करनी पड़ रही

पूरनपुर में हल्की बारिश से ही शारदा नदी का रास्ता खराब हो गया है। कीचड़ और फिसलन से चार पहिया वाहन फंस रहे हैं। रास्ता खराब होने से टाटरगंज के लिए बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। इससे लोगों को 30 की जगह 130 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है।
तहसील क्षेत्र के शारदा नदी पार के इलाके में आवागमन के लिए शारदा नदी पर पैंटून पुल बना है। नदी और जंगल का रास्ता कच्चा होने से हल्की बारिश में ही इस पर दलदल हो जाता है। कीचड़ और फिसलन से दोपहिया वाहन सवारों को भारी असुविधा हो रही है। चार पहिया वाहन फंस रहे हैं। पूरनपुर से टाटरगंज के लिए बसों का संचालन बंद हो गया है।

शारदा नदी पार आने-जाने के लिए लोगों को 30 की जगह 130 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे आवागमन करने वालों में रोष है। पूरनपुर-टाटरगंज बस यूनियन के प्रबंधक लियाकत हुसैन ने बताया कि बुधवार को ही बसें रास्ते में फंसने लगी थीं। कई बसों को ट्रैक्टर से खिंचवाकर बमुश्किल निकाला गया। शुरू से ही रास्ते पर चकर प्लेटें डलवाने और रास्ता सही कराने की मांग की जा रही है। अब बारिश रुकने और रास्ता सही होने पर ही बसों का संचालन शुरू होगा।

आलू की खोदाई, गन्ने की छिलाई रुकी
पूरनपुर में बारिश गन्ना, गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित हुई है। इससे किसान खुश हैं। आलू की खोदाई और गन्ना की छिलाई रुक गई है। लाही, मटर, टमाटर की फसल को नुकसान की आशंका किसान जता रहे है। खेतों में भरा पानी जल्द न निकलने पर आलू के सड़ने की आशंका है। किसानों का कहना है कि अब तक की बारिश से तो आलू, सरसों, मटर आदि की फसल को नुकसान नहीं है, लेकिन अगर और बारिश हुई तो खासा नुकसान होगा।

बारिश ने बढ़ाई ठंड
बीसलपुर में बुधवार रात से बृहस्पतिवार शाम तक लगातार हुई बारिश से सर्दी में इजाफा हो गया है। जनजीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है। खेतों में खड़ी गन्ना, गेहूं की फसल में काफी लाभ हुआ है।

बारिश ने बचाया किसानों का पैसा
न्यूरिया में क्षेत्र में किसान गेहूं, लाही और मसूर की फैसल की सिंचाई ट्यूबवेल से कर रहे थे। छोटे किसान फसलों की सिंचाई नहीं कर पा रहे थे। बारिश से फसलों की सिंचाई हो गई है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है। रामपुर बौरख मार्ग पर गड्ढों में बारिश का पानी भर गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।