पीलीभीत में असम चौराहे पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर के काम में बिजली के पोल रोड़ा बने हुए हैं। करीब सात महीने से नेशनल हाईवे अथॉरिटी और ऊर्जा निगम के बीच मामला फंसा है। ऊर्जा निगम का कहना है कि उसे खंभे हटाने के लिए अब तक धनराशि नहीं मिली है, जबकि कार्यदायी संस्था का दावा है कि पूरी धनराशि दे दी गई है। बिजली विभाग की ओर से ही खंभे हटाने में देरी हो रही है।
जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए असम चौराहे पर फ्लाईओवर का निर्माण करीब सात माह पहले शुरू किया गया था। काम के दौरान जद में आए अतिक्रमण को हटाने के बाद पिलर बनाने का काम शुरू कर दिया गया। इसमें भी बिजली के पोल बाधा बन गए। फ्लाईओवर के निर्माण में बाधक 90 खंभों को हटाने के लिए एनएचएआई की ओर से पावर कारपोरेशन से पत्राचार किया गया था।
इसमें पहले पांच फीसदी के हिसाब से धनराशि बिजली विभाग को देनी थी। पूरी कवायद के बाद यह प्रतिशत बढा दिया गया। इसके चलते करीब तीन माह तक मामला और लटक गया। अब तय धनराशि बिजली विभाग को देने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद भी पोल हटाने का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में जहां काम को गति नहीं मिल पा रही है, वहीं खंभों से खतरा भी बना हुआ है।
सर्विस लेन का निर्माण भी अटक गया
बिजली के पोल न हट पाने से एक ओर की सर्विस लेन भी अधूरी ही बन सकी है। सर्विस लेन का निर्माण न हो पाने से करीब 90 व्यापारियों का धंधा चौपट होने के कगार पर पहुंच गया है। दरअसल, उनकी दुकानों पर आने-जाने का रास्ता ही बंद हो गया है। ऐसे में उनकी दुकानदारी पर असर पड़ रहा है। दुकानदारों ने कई बार प्रशासन से सर्विस लेन का निर्माण जल्द पूरा कराने की गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
बिजली विभागों को तय धनराशि 19.84 लाख रुपये दे दिए गए हैं। अब उन्हें बिजली के पोल हटाने हैं। देरी उनकी ओर से हो रही है। जितनी जल्द पोल हट जाएंगे, काम उसी रफ्तार से आगे बढ़ेगा।