शिक्षा मानव जीवन के लिए बहुमूल्य है –तपेंद्र शाक्य (पूर्व आई .ए.एस / राष्ट्रीय अध्यक्ष सम्यक सेवा संघ )

आज The Dastak 24 से हुई पत्रकार वार्ता में मा.तपेंद्र शाक्य जी ने शिक्षा की महत्वता के पक्ष में अपने विचार रखे . श्री शाक्य ने कहा की शिक्षा मानव जीवन हेतु ज्ञान की वह कुंजी है जो संसार के समस्त बंद दरवाजे को खोलती है। शिक्षा मानव जीवन की दिशा एवं धाराएँ बदल देती है। मानव सृष्टि की वह सर्वोत्तम कृति है जिसकी तुलना संसार के किसी भी जीव जन्तु, प्राणी से नहीं की जा सकती । ठीक उसी प्रकार शिक्षा मानव का वह बहुमूल्य आभूषण है जिसके साथ संसार के किसी भी वस्तु से तुलना नहीं की जा सकती। शिक्षा का सीधा व सरल अर्थ ’ सीखना-सीखाना‘ है। शिक्षा का मूल्य वही ज्यादा जानता है जिसको शिक्षा नही मिली। शिक्षा मानव के व्यक्तिगत विकास, सामाजिक विकास व राष्ट्रीय विकास हेतु एक सशक्त हथियार है, जहाँ की शिक्षा का स्तर जितना उच्च होगा वह देश, विकास की ऊँचाईयों पर उतने ही अधिक स्तर पर पहुँचेगा।

शिक्षा सभी मनुष्यों का सबसे पहला और सबसे आवश्यक अधिकार है। बिना शिक्षा के हम अधूरे हैं, और हमारा जीवन बेकार है। शिक्षा हमें अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। यह हमारे ज्ञान, कुशलता, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में सुधार करती है। यह हमारे जीवन में दूसरों से बात करने की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है। शिक्षा परिपक्वता लाती है और समाज के बदलते परिवेश में रहना सिखाती है। यह सामाजिक विकास, आर्थिक वृद्धि और तकनीकी उन्नति का रास्ता है।

हमारे देश में यह बर्षो से चला आ रहा है की लोग अपनी बेटियों को जन्म लेते ही मार देते थे| पर अब तकनीकी सुविधाओ के आड़ में कुछ लोग अपनी बेटियों की भ्रूण हत्या कर देते है जब की वे जानते है की भ्रूण हत्या करना गुनाह है| आये दिन हमारे देश में बेटियों की भ्रूण हत्याए की जाती हैं | इसकी वजह से बेटियों की संख्या कम हो रही है | भ्रूण हत्या को ले कर देश में बहुत कानून हैं .कायदों कानूनों के रहते हुए भी कुछ लोगों की मानसिकता तो बदली नही जा सकती है पर इससे इतना फर्क जरूर पड़ता है की लोग कायदे के डर से ही बेटियों की भ्रूण हत्या नहीं करते .कन्या भ्रूण हत्या पाप है, सभी लोगों को इस हर तरफ भी हर सम्भव प्रयाश करने की जरूरत है और बालिका शिक्षा की तरफ काफी तीव्र गति से योगदान देना चाहिए . बच्चों की पहली गुरु माँ होती है अगर माता शिक्षित होगी तो बच्चे भी अच्छी योग्यता पाने के लिए जागरूक होंगे .

भारतीय समाज में छोटी बच्चियों के खिलाफ भेदभाव और लैंगिक असमानता मिटने के लिए काफी प्रयाश किये जा रहे हैं जो की एक अच्छा कदम हो है लेकिन इस क्षेत्र में तीव्र प्रयाश की आवश्यकता है जो की हर सम्भव शिक्षा को बढ़ा कर भी हो सकता है .हमारे देश में हर व्यक्ति को शिक्षा जैसे अनमोल रत्न को बच्चों को दिलाने का हर सम्भव प्रयाश करना चाहिए .