लोकसभा सीट पर जीत का रिकार्ड बनाने वाली डिंपल ने मैनपुरी की पहली महिला सांसद बनकर भी इतिहास रचा है। उनसे पहले कभी कोई महिला प्रत्याशी जीत की देहरी तक नहीं पहुंच सकी थी।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर वर्ष 1999 के चुनाव तक कोई महिल प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ी थी। पहली बाद वर्ष 2004 में कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी के रूप सुमन चौहान को लड़ाया गया। उनको पराजय हासिल हुई थी और जमानत भी नहीं बचा सकीं थी। इसके बाद वर्ष 2009 में भाजपा ने तृप्ति शाक को प्रत्याशी बनाया, परंतु उनकी भी जमानत जब्त हुई। वर्ष 2014 के चुनाव में बसपा की टिकट पर लड़ी डॉ. संघ मित्रा मौर्य तीसरे स्थान तक पहुंची, परंतु जमानत फिर भी न बची। उस चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरी राजेश्वरी की जमानत जब्त हो गई थी।
इस उपचुनाव में सपा से डिंपल यादव और निर्दलीय प्रत्याशी सुषमा देवी, दो महिला प्रत्याशी मैदान में थीं। डिंपल यादव ने भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को पराजित कर पहली महिला सांसद बनने का गौरव हासिल किया।