जद (यू) के बड़े नेता औपचारिक तौर पर भले ही कह रहे हैं कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है, लेकिन आज केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के स्वागत समारोह में यह खुलकर सबके सामने आ गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के साथ-साथ उनके समर्थकों ने आरसीपी के स्वागत समारोह से दूरी बना ली। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा आरसीपी के पटना पहुंचने से पहले ही यह कहते हुए जहानाबाद निकल गए कि उन्हें स्वागत समारोह की कोई जानकारी नहीं दी गई है।उपेंद्र कुशवाहा ने इस बारे में कहा कि मुझे न्योता ही नहीं मिला है, मुझे तो मीडिया से पता चला कि वह (आरसीपी) आज पटना आ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “आरसीपी सिंह के स्वागत के लिए बनाए गाए बैनर पोस्टर से ललन सिंह की तस्वीर गायब होना बर्दाश्त के बाहर है, इसे बर्दाश्त नही किया जा सकता है। JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह हैं, उनकी जो भूमिका है उसे सबको पता होना चाहिए।” हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने यह जोड़ा कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है।
आरसीपी सिंह ने भी पटना पहुंचने के बाद कहा कि उनके और ललन सिंह के बीच कोई मनमुटाव नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता सिर्फ नीतीश कुमार हैं और बाकी सबके उनके निर्देशों को अनुरूप काम करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जदयू का मतलब ही जनता दल यूनाइटेड है तो विवाद की बात कहां से आ गई। पूरे विवाद की शुरुआत आरसीपी सिंह के पटना लौटने पर स्वागत के लिए लगे पोस्टरों में ललन सिंह की फोटो न होने से हुई। जब इसको लेकर विवाद बढ़ने लगा तो नए पोस्टर लगाए गए। एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी में मनमुटाव की बात को खारिज करते हुए कहा कि जब ललन सिंह अध्यक्ष बनकर आए तो उनका स्वागत हुआ और अब आरसीपी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद आ रहे हैं तो उनका स्वागत हो रहा है, इसमें मनमुटाव कहां है।