रामनगर/बरेली-:-गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच एवं उपचार की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान हर माह की 9 तारीख को चलाया गया। मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्त्व अभियान का आयोजन कोविड -19 के मानकों का ध्यान रखकर किया गया ।
मुख्य चिकित्साधिकारी ( सीएमओ) डॉ. सुधीर कुमार गर्ग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्यारा, एसीएमओ डॉ. आरएन गिरी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज और फतेहगंज, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुदेश कुमारी ने मझगवां और रामनगर , अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कैलाश चंद्र जोशी ने बहेड़ी और मुड़िया नवी बख्श , एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने भमोरा, एसीएमओ डॉ. रंजन गौतम ने फरीदपुर और कुआं टांडा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरएन सिंह ने नवाबगंज और दलेलनगर , मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता गुलिस्ता ने रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया और वहां मौजूद गर्भवती महिलाओं से बातचीत कर उनकी सामान्य परेशानियों की जानकारी ली।
एसीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने भमोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करते हुए वहां मौजूद गर्भवती महिलाओं को बताया कि प्रसव पूर्व जांच उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में होने वाले खतरों से बचाती है । किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं की संभावना अधिक होती है उस गर्भावस्था को हाई रिस्कप्रेगनेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था में रखा जाता है। और इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स के द्वारा प्रसव पूर्व तीन सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। जिससे कि समय रहते इसका पता लगाकर, इससे होने वाले खतरों से गर्भवती को बचाया जा सके।
मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता गुलिस्ता ने बताया की सभी की जांच करने पूर्व कोरोना के मद्देनजर रखते हुए सैनेटाइजेशन, मास्क, सोशलडिस्टेंससिंग का पालन किया गया।
केंद्र में आने वाली गर्भवती महिलाओं की एचआईवी, वजन, ब्लड प्रेशर , हीमोग्लोबिन, शुगर व अन्य जांच की गई है, ताकि गर्भवती महिलाएं और उनका होने वाला बच्चा स्वस्थ रहें । गुलिस्ता ने बताया कि जो गर्भवती महिलाएं एनीमिक श्रेणी में थी उन्हें अधिक मात्रा में फल और हरी सब्जियां खाने की सलाह दी गई है । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान पर गर्भवती महिलाओं को सही समय पर आयरन फोलिकएसिड और पौष्टिक खानपान के बारे में बताया जाता है।
रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एमओआईसी डॉ. अजय ने बताया गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली में परिवर्तन के कारण वह श्वसन संक्रमणों से प्रभावित हो सकती हैं । इसलिए जरूरी है कि वह विशेष सावधानी बरतें ताकि वह और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा सुरक्षित रह सकें । इसके बाद भी तेज बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत महसूस होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें । गर्भवती महिलाओं को कोविड के संक्रमण से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को जानकारी दी गई की साबुन-पानी या सेनेटाइजर से हाथों को बार-बार साफ़ करते रहना चाहिए । एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें और भीडभाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, नाक-मुंह और आँख को छूने से बचें । खांसी या छींक आने पर मुड़ी हुई कोहनी से अपने मुंह और नाक को ढकें । इस्तेमाल किये गए टिशु पेपर को तुरंत ढक्कन वाले कूड़ेदान में डालें । घर से बाहर तभी निकलें जब बहुत जरूरी हो, इस दौरान मास्क से मुंह व नाक को अच्छी तरह से ढककर रखें ।
लाभार्थी—-
सुफिया संगीता ने बताया कि कोरोना नवजात शिशु को न हो जाए यह शंका थी वह दूर हो गई । डॉ. ने बताया कि मास्क लगाकर रखें, हाथ को सैनेटाइज करे, सार्वजनिक स्थानों पर दूरी बनाकर रखें । जिससे कोरोना संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
गर्भवती प्रतिभा ने बताया कि केंद्र पर सारी जांच की गई । यह पता चला कि बच्चे को जन्म के पहले घंटे के अन्दर सुरक्षित रूप से स्तनपान कराना जरूरी है क्योंकि पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है तथा बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाता है ।