पीलीभीत में सरकार ने गाेवंश के लिए चारा और भूसे का बजट प्रति पशु 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया है। बावजूद इसके हालात संभलते नजर नहीं आ रहे हैं। बाजार में चोकर 25 रुपये किलो और भूसा 10 रुपये किलो है। एक दिन में एक पशु को 10 किलो चारे और चार किलो चोकर की जरूरत होती है। इस हिसाब से एक पशु पर प्रतिदिन 200 रुपये का खर्च आता है। ऐसे में 50 रुपये में उनका पेट कैसे भरेगा। जिले में 54 गोआश्रय स्थल संचालित हो रहे हैं। इनमें 46 सौ पशु संरक्षित हैं।
गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के लिए अब तक 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से बजट आवंटित किया जाता था। इसके अलावा पशुओं की देखभाल के लिए केयर टेकरों को छह हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाता है। 30 रुपये में पशुओं का पेट नहीं भर पा रहा था। पशु चिकित्सक की मानें तो एक पशु एक दिन में 10 से 15 किलो चोकरयुक्त भूसा खाता है। चोकर 25 रुपये किलो है। भूसा 10 रुपये किलो है। इस लिहाज से एक दिन की खुराक 200 रुपये बनती है। सरकार ने 30 रुपये से बढ़ाकर अब 50 रुपये कर दिए हैं, लेकिन इतने में भी पशु का पेट भरना मुश्किल है।
चारे, चोकर की कमी से एक महीने में मर गए 20 गोवंश
माधोटांडा के परशुरामपुर गोआश्रय स्थल में पर्याप्त भोजन न मिलने से एक महीने में एक-एक करके 20 गोवंश की मौत हो गई थी। स्थानीय अधिकारी व्यवस्था सुधारने के बजाय खामियां छिपाने में लगे रहे। एसडीएम ने जब मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि गायों को सिर्फ नाममात्र के लिए सूखा भूसा ही दिया जा रहा है। इसमें न चोकर होता है न हरा चारा। मामला छिपाने के लिए गोवंश के शवों को गोआश्रय स्थल परिसर में ही गड्ढा खोदकर दबा दिया गया था। मामला जब शासन स्तर तक पहुंचा तो ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित किया गया।
शासन की ओर से 50 रुपये प्रति पशु देने का निर्णय लिया है। यह पशुओं के लिए होगा या फिर सहभागिता के लिए होगा। अभी स्पष्ट नहीें है, आदेश आने के बाद सही जानकारी हो सकेगी। फिलहाल अभी प्रति पशु तीस रुपये दिया जा रहा है।- डॉ. अरविंद कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
फैक्ट फाइल
54 गोआश्रय स्थल संचालित हो रहे जिले में
4600 पशु संरक्षित हैं गोआश्रय स्थलों में
80 से 90 केयर टेकर तैनात हैं गोआश्रय स्थलों में
20 गोआश्रय स्थलों का किया जा रहा है विस्तार