मैनपुरी में श्री साईं हॉस्पिटल में सीजेरियन का मामला ?

श्री साईं हॉस्पिटल में पिछले 15 दिनों से बिना प्रशिक्षित डॉक्टर के ही सीजेरियन प्रसव किए जा रहे थे। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हुआ है। जिस बच्ची की अस्पताल में मौत हुई है उसका जन्म भी सीजेरियन प्रसव से ही कराया गया था। इस बात को अस्पताल का एक कर्मी भी स्वीकार कर रहा है। अब सवाल ये है कि आखिर श्री साईं हॉस्पिटल में सीजेरियन प्रसव करा कौन रहा था।

शहर के राधा रमन रोड स्थित श्री साईं हॉस्पिटल पर थाना घिरोर क्षेत्र गांव भुगाई निवासी विमलेश की पत्नी रीता देवी ने सात दिन पहले सीजेरियन प्रसव से एक बच्ची को जन्म दिया था। बुधवार को हॉस्पिटल पर मौजूद एक डॉक्टर ने बच्ची को अस्पताल की छत पर आधा घंटे तक धूप में रखने की सलाह दी थी। इसके बाद बच्ची की मौत हो गई थी। बच्ची की मौत के बाद सीएमओ ने जांच के निर्देश दिए थे।सीएमओ के निर्देश पर दो टीमें जांच कर रही हैं। जांच के दौरान एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में इस बात को कहा है कि विमलेश की पत्नी का श्री साईं हॉस्पिटल में सीजेरियन प्रसव कराया गया। जबकि टीम को श्री साईं हॉस्पिटल के निरीक्षण में अभी तक प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं मिला है और तीन दिन बाद भी संचालक प्रशिक्षित डॉक्टर के अभिलेख नहीं दिखा सका है।

कर्मचारी बोला, रोज होते हैं सीजेरियन प्रसव

हॉस्पिटल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक कर्मचारी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि श्री साईं हॉस्पिटल में प्रतिदिन सीजेरियन प्रसव कराए जाते हैं। रीता देवी के सीजेरियन प्रसव के लिए 25 हजार रुपये तय किए गए थे। जिसमें से 10 हजार ही अभी तक जमा हुए हैं। उसने एक डॉक्टर का भी नाम लिया है जो स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में कहीं दर्ज नहीं है। इस बात से साबित हो रहा है कि श्री साईं हॉस्पिटल में अवैध रूप से अप्रशिक्षित लोग प्रसूताओं की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे थे और विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग की जांच में हुआ खुलासा। 3 दिन पहले भी हुई थी 5 दिन की बच्ची की मौत। मौत कब बाद सीएमओ ने कराई थी जांच। संचालक नहीं दिखा सका प्रशिक्षित डॉक्टर के अभिलेख

रिपोटर – अर्पित यादव