क्या नाबालिग को इच्छा मृत्यु चुनने देना जोखिम हो सकता है ? ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष बोला

ऑस्ट्रेलिया के राजधानी क्षेत्र कैनबरा में सरकार ब्रेन डेड लोगों को इच्छा मृत्यु दिए जाने की न्यूनतम उम्र 14 साल करने जा रही है।

अगर यह कानून पास हो जाता है तो इच्छा मृत्यु को लेकर यह सबसे उदार कानून होगा, जिसके तहत बच्चों को भी ऐसे अधिकार मिल सकेंगे।

उम्र का फैसला सिर्फ बर्थडेट से नहीं होगा
इस कानून के बारे में हाल ही में राज्य की मानवाधिकार मंत्री तारा शाएन ने कहा था कि हम फैसले लेने के लिए परिपक्वता की आयु 18 से घटाकर 14 वर्ष करने पर विचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, आयु सीमा विवेक का मामला है और सिर्फ जन्मदिन पार कर लेना काफी नहीं होगा, बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ उस व्यक्ति की निर्णय क्षमता पर फैसला करेंगे।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक परामर्श में 3,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और 500 लोगों ने लिखित में अपनी राय दी। 80 फीसदी लोगों ने इच्छा मृत्यु का समर्थन किया।
दूसरी ओर, सरकार की इस कवायद का विरोध शुरू हो गया है। उम्र घटाने के मंसूबे को गृह मामलों के शैडो मंत्री जेम्स पैटर्सन को खौफनाक बताया है।

उन्होंने तर्क दिया कि एक शख्स जो अभी बालिग भी नहीं है, उसे अपने फैसले लेने की समझ नहीं है। उसे इच्छामृत्यु चुनने का अधिकार दिया जाना कहां तक सही होगा। ऐसे करने से जोखिम ही बढ़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में 2017 में कानून लागू होने के बाद से देश में सैकड़ों लोग इच्छा मृत्यु चुन चुके हैं। विक्टोरिया में ऐसे लोगों की संख्या 600 से ज्यादा है। उधर, नीदरलैंड्स इच्छा मृत्यु की न्यूनतम उम्र की सीमा हटाने जा रहा है। वह 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इसकी मंजूरी देने जा रहा है
कनाडा में इच्छा मृत्यु की इजाजत मुसीबत बनती जा रही है। यहां पिछले साल यानी 2021 में ही 10 हजार से ज्यादा लोगों ने इच्छा मृत्यु के जरिए जान दे दी। ये कनाडा में साल भर में हुई कुल मौतों से 3% से ज्यादा है। मार्च 2023 में मानसिक तौर पर बीमार लोगों को भी कानूनन इच्छा मृत्यु की इजाजत मिल गई है