फर्रुखाबाद:(द दस्तक 24 न्यूज़) 14 जून 2025 जब भी कोई विमान हादसा होता है, तो सबसे पहले जिसकी तलाश की जाती है, वह है “ब्लैक बॉक्स”। यह एक ऐसा उपकरण है, जो किसी भी हवाई दुर्घटना के रहस्यों पर से पर्दा उठाने में अहम भूमिका निभाता है। दिलचस्प बात यह है कि इसका नाम भले ही ‘ब्लैक बॉक्स’ है, लेकिन असल में इसका रंग नारंगी होता है, ताकि मलबे के बीच इसे आसानी से खोजा जा सके।
क्या है ब्लैक बॉक्स ?
ब्लैक बॉक्स दरअसल दो प्रमुख रिकॉर्डिंग यूनिट्स से मिलकर बना होता है:
1. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): यह विमान के उड़ान के दौरान पायलट और सह-पायलट के बीच की बातचीत, कॉकपिट के अंदर की आवाजें और अन्य साउंड्स को रिकॉर्ड करता है।
2. फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR): यह विमान की तकनीकी जानकारियों को रिकॉर्ड करता है, जैसे गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन की स्थिति, हाइड्रोलिक सिस्टम की जानकारी आदि।
इन दोनों उपकरणों को खास तरह से डिज़ाइन किया जाता है, ताकि वे आग, पानी, गहराई, और दुर्घटना के अत्यधिक दबाव को भी सह सकें।
क्यों जरूरी है ब्लैक बॉक्स ?
जब कोई विमान हादसे का शिकार होता है, तो उस वक्त मौजूद तकनीकी खामियों या मानवीय भूलों का पता लगाना बेहद कठिन हो जाता है। ऐसे में ब्लैक बॉक्स वह सबूत होता है जो अंतिम क्षणों की पूरी कहानी बयां करता है। विमान विशेषज्ञ और जांच एजेंसियां इसके डेटा को पढ़कर यह समझने की कोशिश करती हैं कि दुर्घटना के दौरान पायलट ने क्या किया, विमान में क्या तकनीकी समस्याएं आईं और वह कैसे हादसे का शिकार हुआ।
ब्लैक बॉक्स को ढूंढना कितना चुनौतीपूर्ण ?
हालांकि इसका रंग चमकीला नारंगी होता है और इसमें ‘अंडरवाटर लोकेटर बीकन’ भी लगा होता है, जो समुद्र या पानी में गिरने की स्थिति में 30 दिनों तक एक अल्ट्रासोनिक सिग्नल भेजता रहता है। लेकिन, कई बार ब्लैक बॉक्स को खोजना काफी जटिल प्रक्रिया होती है, खासकर जब विमान समुद्र की गहराइयों में गिरा हो या किसी दुर्गम स्थान पर हादसा हुआ हो।
तकनीक में हो रहा सुधार
आजकल ब्लैक बॉक्स तकनीक में लगातार सुधार किया जा रहा है। कुछ एयरलाइंस अब डेटा को क्लाउड में रियल-टाइम में स्टोर करने पर भी विचार कर रही हैं, ताकि हादसे की स्थिति में डेटा का बैकअप उपलब्ध हो सके।
निष्कर्ष
ब्लैक बॉक्स एक मूक गवाह की तरह होता है, जो हादसे के बाद भी सच्चाई को सामने लाने का काम करता है। यह तकनीक न केवल हादसों के कारणों को उजागर करती है, बल्कि भविष्य की उड़ानों को और सुरक्षित बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस छोटे से उपकरण में एक पूरी उड़ान की कहानी कैद होती है। एक ऐसी कहानी जो कभी-कभी जिंदगियां बचा सकती है।