बरेली-बरेली में खाद्य विभाग की बड़ी लापरवाही आई सामने

बरेली: उत्तर प्रदेश मैं भले ही योगी सरकार बन गई हो लेकिन जनपद बरेली में खाद्य सामग्री में मिलावट खोरी इस तरह बढ़ गई है, मिलावट खोर बेखौफ होकर मिलावट खोरी का गोरखधंधा भली बात चला रहे हैं किसी का भी डर नहीं रहा है ।

पहले डब्ल्यू आई पी के मेन गेट से जाता था गेमबियर, खबर प्रकाशित होने के बाद अब पीछे के गेट से चोरी छुपे जा रहा है गेम बीयर ।
पहला मामला थाना किला पुल के पास का है जहां पर गेमबियर नाम का केमिकल जो कि कत्था, गुटखा आदि बनाने के काम आता है जो की पूर्णता: प्रतिबंध है जिसका गोदाम किले पुल के पास रामपुर रोड पर है, गोदाम मालिक ने बताया यहां से कई जगहों के लिए माल सप्लाई होता है 1. कुमार ट्रेडर्स 2. आई डब्ल्यू पी कत्था फैक्ट्री इज्जत नगर 3. कत्था फैक्ट्री परसाखेड़ा तथा अन्य छोटे-छोटे गुटखा बनाने वाली मिलावट खोरों के यहां पर यह केमिकल वाला पाउडर जाता है जिससे मनुष्य की किडनी और फेफड़ों पर अधिक असर पड़ता है । जब कथा फैक्टरी के आराम से बात की गई चोरों ने साफ मना कर दिया कि हमारे यहां इस गेम ईयर केमिकल पाउडर का कोई काम नहीं है जबकि इस फैक्ट्री में जाता हुआ छोटा हाथी जीता जागता साक्षात सबूत है ।
दूसरा मामला थी किला के बाकरगंज क्षेत्र का है जहां पर सरसों के तेल में में मिलाए जाने वाला मोबाइल खुलेआम ठेलों से छोटा हाथी से भारी मात्रा में लाया जा रहा है जहां पर स्पेलर बालों ने मिलावट खोरी की लूट मचा रखी है जैसे-जैसे सरसों का तेल में लगा हुआ है वैसे वैसे मिलावटखोरों का आतंक छाया हुआ है तेल महंगा होने के कारण यह लोग पाम ऑयल मिलाकर तेल की बिक्री करते हैं पामआइल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।
तीसरा मामला थाना सुभाष नगर क्षेत्र के सुभाष नगर बिजली घर के सामने श्रेया बरात घर के बराबर में एक स्पेलर है जिसमें आज सुबह ही एक पिकअप से पाम ऑयल कई ड्रमों से उतरा है जो कि सरसों के तेल में मिलावट करके बिक्री किया जाता है ।
मिलावट खोरी करके दिया जा रहा है बीमारियों को बढ़ावा ।
वहीं पर सूत्रों का कहना है कि खाद विभाग को ₹50000 महीने की वित्तीय राशि दी जाती है
समझने वाली बात तो यह होगी सारी जगहों से मौके पर खाद विभाग को फोन पर सूचना दी गई तो उन्होंने आने से साफ इनकार कर दिया इन लोगों का कहना है कि कि हम सभी को माइलेज करके यह काम करते हैं । ऐसा साफ प्रतीत होता है कि खाद्य विभाग की मिलीभगत से ही यह सारे काम किए जा रहे हैं
अब समझने वाली बात तो यह होगी कि मिलावटखोरों पर खाद विभाग कार्रवाई करता है कि नहीं और करता है तो क्या कार्रवाई करता है या मामले को रफा-दफा करके छोड़ देता है ।