एक्टर हो या डायरेक्टर, सबको अच्छी स्क्रिप्ट की भूख है: उमेश शुक्ला

OMG फेम डायरेक्टर उमेश शुक्ला की अगली फिल्म ‘आंख मिचौली’ है। पहले यह फिल्म पिछले हफ्ते यानि 27 अक्टूबर को रिलीज होने वाली थी पर अब मेकर्स इसे 3 नवंबर को रिलीज करने वाले हैं।
फिल्म में मृणाल ठाकुर, परेश रावल, अभिमन्यु दसानी और विजय राज मुख्य भूमिकाओं में हैं। उमेश शुक्ला ने इस फिल्म और पर्सनल लाइफ पर खास बातचीत की।
यह फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ के महज कुछ ही हफ्तों बाद रिलीज हो रही है। उस फिल्म में भी परेश रावल और विजय राज मेन रोल में थे। आपकी फिल्म में दोनों किस तरह अलग हैं?
वह फ्रेंचाइजी थी। हमारी फिल्म फ्रेश किरदारों पर बुनी है। साफ-सुथरी फिल्म है। कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसे नाइट ब्लाइंडनेस है। उसे शाम को 6 बजे के बाद कुछ दिखता नहीं। उसकी शादी करवाने के लिए परिवार वाले कैसे कैसे झूठ बोलते हैं यह इसी बारे में है।
यह ऋषिकेश मुखर्जी के ही फ्लेवर की फिल्म है। काेविड के पहले इसे हमने दीवाली पर रिलीज करने का सोचा था। संयोग से यह दीवाली के आस-पास ही रिलीज हो रही है।
गुरु मंत्र एक ही है। जैसे डर्टी पिक्चर में एंटरटेनमेंट एंटरटेनमेंट एंटरटेनमेंट कहते हैं, वैसे ही मैं कहता हूं स्क्रिप्ट स्क्रिप्ट और स्क्रिप्ट। यह वो चीज है जिसकी भूख हर एक्टर को और हर एक डायरेक्टर को होती है। और फिर आज कल तो ऑडियंस को भी अच्छे कंटेंट की ही भूख है। अगर आपके पास अच्छा कंटेंट हो तो सब कुछ अपने आप हो जाता है। स्टार भी आ जाता है और प्रोड्यूसर भी आ जाता है।
मुझे डबल मीनिंग कॉमेडी पर्सनली भी अच्छी नहीं लगती। लेकिन यह ऑडियंस के टेस्ट के ऊपर है कि उन्हें क्या अच्छा लगता है क्या नहीं? हालांकि, मैं जब राज की फिल्म देखता हूं तो मुझे बहुत मजा आता है। राज से मैं पर्सनली मिलूं तो भी मजा आता है क्योंकि वह कुछ ना कुछ वन लाइनर कॉमेडी वाली बात बोलते ही रहते हैं।
एक्शन जोनर को ज्यादा स्क्रीन काउंट मिल जाते हैं, कॉमेडी के मामले में इन दिनों क्या दौर है ?
मेरे ख्याल से उस जोनर की काफी फिल्में आ गई हैं। खासकर पोस्ट पैंडमिक। तो अब लोगों को अच्छी ब्रीदर वाली फिल्में चाहिए। तभी इस साल ‘ड्रीम गर्ल 2’ और ‘फुकरे 3’ जैसी फिल्में चली हैं।
लोग भी घर बैठकर बोर हो गए हैं। ओटीटी कंटेंट देख-देख कर। वो भी चाहते हैं कि अब फैमिली के सभी लोग साथ सिनेमाघर जाएं और साफ-सुथरी फिल्म देखें। ओटीटी के मैं अगेंस्ट नहीं हूं पर मेरा कहना है कि घर पर बैठकर बहुत हो गया। थोड़ा बाहर निकालो और एंजॉय करो। दिवाली का फेस्टिवल माहौल है । उसमें कहीं बाहर जाकर एंजॉय करो तो आपको भी मजा आएगा
जी हां। हमने पटियाला के अलावा स्विट्जरलैंड की ठंड में भी शूटिंग की है। कई बार तो -7 से -8 डिग्री में भी हमने शूटिंग की। वहां हम चार्ली चैप्लिन के घर भी गए। वहां भी शूटिंग की। वह मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। एक दौर में चार्ली चैप्लिन अपना देश छोड़कर स्विट्जरलैंड में बस गए थे। चार्ली चैप्लिन हमारे लिए गुरू सरीखे रहें हैं। मैंने वहां उनके घरवालों से बहुत रिक्वेस्ट की कि हमें वहां शूट की इजाजत दे दीजिए। संयोग से वह मुझे मिली।