बरेली-ग्रामीण कहावत है कि “अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता” ऐसा ही तब होता है जब गांव में कोई विकास सम्बन्धित कार्य सरकार के द्वारा ठेकेदार की मनमानी से कराया जाता है।और हम ग्रामीण ही उसे देखने नही जाते जबकि हमें ही उस को प्रयोग करना है। जब सामुदायिक भवनों में शौचालय में पीला ईंट का प्रयोग किया जाता है और हम कोई बात न ठेकेदार को बोलते हैं न प्रधान और न सचिव को और न ही कोई शिकायत ही करते हैं।जिसके कारण धड़ल्ले से काला कारनामा खूब अच्छी तरह से हो जाता है।लेकिन बात हम उन ग्रामीणों की कर रहे हैं जिन्होंने इस काले कारनामे का खूब विरोध किया, आंवला तहसील क्षेत्र के गाँव अनिरुद्धपुर की है जहां सरकार द्वारा सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है जिसमे पिला ईंट और बिना मानक के ही सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया तो कही जाकर कोई सुधार सम्भव हो सका।