बरेली – अंधविश्वास और कुरीतियों के विरुद्ध समर्पित था दयानंद सरस्वती का पूरा जीवन- सत्यदेव आर्य।

आँवला – आज दिनांक 30 अक्टूबर 2021 को विवेकानंद युवा विकास समिति के तत्वावधान में जीनीयस कंप्यूटर प्रशिक्षण संस्थान भुता में आर्य समाज के संस्थापक एवं महान समाज सुधारक महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी की पुण्यतिथि पर गोष्ठी का आयोजन किया गया संस्थान के निदेशक सत्यदेव आर्य ने स्वामी दयानंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की पूज्य ऋषि स्वामी दयानंद सरस्वती का पूरा जीवन समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वास के प्रति लड़ते हुए व्यतीत हुआ उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में गांव गांव जाकर नारी शिक्षा, गौ हत्या को रोकने एवं समाज मे फैले अंधविश्वास के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया और इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की उनका संघर्षमय जीवन हम सभी को समाज के प्रति कुछ करने की प्रेरणा देता है आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर आप सभी युवाओं से अपेक्षा करता हूं उनके विचारों को आप सभी लोग जन जन तक पहुंचाने का कार्य करें आज समाज में अंधविश्वास की पराकाष्ठा चरम पर है समाज अपने कर्तव्य से विमुख हो गया है ऐसे में हमें ऋषिवर दयानंद सरस्वती जी के सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता है तभी यह समाज इन कुरीतियों एवं अंधविश्वास से मुक्त होकर विश्व गुरु बनने के संकल्प को पूर्ण कर पाएगा कार्यक्रम में ग्रामीण अंचलों से आए युवा युवतियों ने अपने अपने विचार रखे एवं दयानंद सरस्वती जी के विचारों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया, इस अवसर पर सुभाष अजय,केशव,सुशील,विमल, अंशिका, दीक्षा, रचना एवं अन्य युवा उपस्थित रहे।

रिपोर्टर – परशुराम वर्मा