बरेली – आंवला तहसील क्षेत्र के गांव ताड़गंज निवासी धर्मपाल सिंह पुत्र किशनलाल ने बताया कि मेरी पुत्री रचना आयु 20 वर्ष नैंसी आयु 19 वर्ष को 23/10 /2022 को साधारण बुखार हो गया था धर्मपाल सिंह अपनी पुत्रियों को दबा दिलाने के लिए प्राइवेट अस्पताल पुरैना बस स्टैंड पर जोकि अपने आपको बी ए एम एस जनरल फिजिशियन तथा पत्नी को स्त्री रोग विशेषज्ञ वताते है और बताया कि आपकी पुत्रियों को तेज वायरल फीवर है इनको अस्पताल में भर्ती करना पड़ेगा। धर्मपाल ने अपनी पुत्रियों को अस्पताल में भर्ती करा दिया डॉक्टर द्वारा दवाइयां शुरू कर दी गई 23/10/022 से 25/10/022 तक उपचार जारी रहा पर उसके बावजूद हालत में कोई सुधार नहीं आया। धर्मपाल की दोनों पुत्रियों की हालत इतनी बिगड़ गई की वह दोनों बेहोशी की हालत में हो गई यह हालत देख परिवार वालों ने डॉक्टर से कहा कि बेटियों की हालत गंभीर है उसके बावजूद तुम हमें कोई संतोषजनक जवाब क्यों नहीं दे रहे हो परिवार बालों से डॉक्टर ने कहा कि डॉक्टर मैं हूं आप नहीं मुझे अपना इलाज करने दें आपकी दोनों बेटियां 99% ठीक है इनकी सही करने की गारंटी मेरी है परिवार वाले बेटियों की हालत बिगड़ती देख बेहोशी की हालत में जबरन दोनों बेटियों को अस्पताल से निकालकर बरेली के निजी अस्पताल ले गए। बरेली अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा जांच कराई गई जांच रिपोर्ट देखते ही डॉक्टर दंग रह गए कि यह देख की दवाइयों कि इतनी ज्यादा डोज दी गई है कि दोनों बेटियों के फेफड़ों में पानी भर गया है व लीवर में इंफेक्शन हो गया है डॉक्टर ने बताया कि इन की हालत गंभीर बहुत है व नाजुक है क्योंकि इनको जो पहले दवाइयां दी गई हैं उनके द्वारा समस्त बॉडी ऑर्गन बहुत प्रभावित हो गये है इसके कारण इनका बच पाना मुश्किल है। परिवार वालों ने डॉक्टर से अधिक प्रार्थना की तब कहीं जाकर डॉक्टर ने भर्ती किया भर्ती करने के कुछ ही घंटों बाद रचना 20 की मृत्यु हो गई। धर्मपाल की अपनी बेटी रचना की मृत्यु के बाद जानकारी हुई कि आंवला के अस्पताल का डॉक्टर न तो बीएमएस है और न ही उसकी पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ है दोनों ही डॉक्टर फर्जीवाड़ा कर अस्पताल संचालित कर रहे हैं न इनका कोई रजिस्ट्रेशन है यह गलत दवाइयों द्वारा मेरी बेटी रचना की जान ले चुके हैं इन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि दूसरों की जान बचाई जा सके।
रिपोर्टर – परशुराम वर्मा