बरेली: विपरीत परिस्थितियों में संवार रहे नौनिहालों का भविष्य।

बरेली/मीरगंज – बरेली जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर, राष्ट्रीय राजमार्ग फतेहगंज पश्चिमी टोल प्लाजा से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में स्थित। विकासखंड फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के गांव औंध में उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्थापना वर्ष 2002 में की गई थी। आज के बदलते परिवेश में कंप्यूटर शिक्षा के महत्व को देखते हुए ग्रामवासी / सजग अभिभावक विद्यालय में कंप्यूटर ना होने की अवस्था में अपने बच्चों के एडमिशन निकटवर्ती गैर सरकारी स्कूलों में कराने लगे। जिसके कारण विद्यालय का छात्र नामांकन गिरने लगा। गिरते छात्र नामांकन की समस्या को संज्ञान में लेते हुए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राहुल यदुवंशी द्वारा विद्यालय के विज्ञान कक्षा को आईसीटी रूम में बदला गया।

प्रधानाध्यापक ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से तैयार किए गए माहौल में छात्र छात्राओं को आए दिन प्रेरक प्रसंग में एवं मीना की कहानियों की वीडियो दिखाकर बच्चों को शिक्षित करने लगे। विद्यालय में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की तरफ से लगभग 20 वीडियो शूट किए गए। जिसका गहरा प्रभाव अभिभावकों पर हुआ और नामांकन में एकाएक वृद्धि होने लगी।

विद्यालय स्तर पर समय-समय पर विभिन्न जयंती एवं मेलों का आयोजन किया जाता है। जो आपसी सौहार्द एवं प्रेम को बढ़ावा देते हैं। इसके अतिरिक्त विद्यालय में समय-समय पर विभिन्न प्रशिक्षण, संस्कारशाला कार्यक्रम, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, वृक्षारोपण, संविधान दिवस, खेलकूद प्रतियोगिताएं, स्वास्थ्य परीक्षण, जन्मदिन उत्सव, बाल मेला मतदाता जागरूकता रैली, विभिन्न त्योहार जनगणना पर निबंध लेखन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि का आयोजन किया जाता रहा है। जो छात्र-छात्राओं एवं समाज में बौद्धिक मानसिक एवं शारीरिक विकास को बढ़ाने के साथ ही जन चेतना का संचार करता है।

विद्यालय के भौतिक परिवेश में विभिन्न प्रकार के फल फूल एवं छायादार वृक्षों को लगाने के साथ ही मौसमी पेड़ पौधों से भी सुसज्जित किया गया है।

उच्च प्राथमिक विद्यालय औंध के प्रधानाध्यापक राहुल यदुवंशी ने बताया कि आजकल बच्चों के अभिभावक प्राइवेट स्कूल की तरफ ज्यादा आकर्षित है। क्योंकि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को सीखने के लिए कंप्यूटर और खेलकूद के अच्छे साधन होने के एवं अन्य सुविधाओं के कारण बच्चों के अभिभावक प्राइवेट स्कूल में नाम लिखा रहे हैं। इसीलिए प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की संख्या कम होने के कारण इसीलिए विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम होने लगी है। हमने अपने निजी व्यक्तिगत प्रयासों से बच्चों को प्राइवेट स्कूलों की तरह शिक्षा देने के लिए प्रयास किया है। हमारे प्रयास से विद्यालय में कंप्यूटर खेलकूद का समान अन्य सुविधाएं हैं। इन सुविधाओं को देखकर ही लगातार गिर रही बच्चों की संख्या में प्रगति हुई है। ‌ आज हमारे विद्यालय में लगभग 55 से 70 बच्चे तक प्रतिदिन विद्यालय आते हैं।

औंध गांव के पूर्व प्रधान एवं मौजूदा भाजपा मंडल अध्यक्ष कुलवीर सिंह ने बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य राहुल यदुवंशी शारीरिक रूप से 55% तक दिव्यांग हैं। और वह राष्ट्रीय सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद के प्रांतीय महासचिव हैं। और बताया कि उच्च प्राथमिक विद्यालय औंध में केवल मात्र एक ही प्रधानाध्यापक हैं जो बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। अन्य स्कूलों की तरह इस स्कूल में कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं है। उनके अकेले प्रयास से बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करना एक सराहनीय काम है।

रिपोर्टर परशुराम वर्मा

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