आँवला – कुरुक्षेत्र के रण से पहले भीम पौत्र वीर बर्बरीक द्वारा शीश का दान देने के बाद भगबान कृष्ण द्वारा दिए गये अपने श्याम नाम से कलियुग मे खूब पूजे जाने का बरदान मिला । मनोकमना पूर्ण होने पर बाबा श्याम के भक्तो संख्या करोड़ो मे पहुच गयी है देश-विदेश में लाखों भक्तों की असीम आस्था के पुंज श्याम बाबा कई नामों से पूजे जाते हैं. वे शीश के दानी हैं और लखदातार भी. वे खाटू नरेश हैं और नीले घोड़े के सवार भी. वे मोर्विनंदन हैं और हारे का सहारा भी. वे बर्बरीक भी हैं और खाटू श्याम सरकार भी. कलियुग में श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में पूजित खाटू श्याम का भव्य मंदिर मनौना धाम ( वरेली ) मे जो कि इतिहास के अनुसार बाबा खाटू श्याम की जन्मस्थली है , का भब्य निर्माण कार्य प्रगति पर है
जिसका शिलान्यास 7 अक्टूबर 2020 को किया गया , जो 2023 तक बनकर तैयार हो जाने का लक्ष्य है अस्थिया मंदिर मे विराज मान बाबा श्याम के भक्त दर्शन कर प्रसाद तथा अर्ज़ीया चढा रहे है बुद्धवार को एकादशी के मौके पर कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय मझगवा की 50 छात्राओ ने बाबा खाटू श्याम प्रभू के मनौना धाम पहुचकर दर्शन किये तथा बाबा श्याम के जय कारे लगाकर बातावरण को भक्ती मय कर दिये , छात्राओ के साथ वार्डन श्रीमती रेखा रानी सक्सैना अध्यापक विशाल सिंह नेत्रपालसिहं संजीब कुमार तथा रामगुनी मानवती मैजूद रही । रिपोर्टर परशुराम वर्मा