बरेली-उपस्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज के लिए तरसते मरीज,10 दिनों से गायब हैं डॉक्टर

बरेली । जहां एक ओर सरकार लाख कोशिशें कर रही है कि हर गाँव, हर शहर में दुरुस्त स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाए, लेकिन उनकी कोशिशों को उन्ही के अधिकारी पलीता लगाते नज़र आ रहे है, बाहर से देखे तो इन स्वास्थ्य केंद्रों की छवि तारीफ के लायक है, लेकिन सही मायने में देखा जाए तो इन स्वास्थ्य केंद्रों को ही इलाज़ की सख्त जरूरत महसूस हो रही है, बात की जाए डॉ और अन्य स्टाफ की तो कोई भी यहाँ महीनों से आता ही नहीं और एक वार्ड बॉय यहां छोड़ दिया है, जो सबकी जिम्मेदारी को संभाल रहा है वार्ड बॉय से जब हाल जानना चाहा तो उसने अधिकारियों से बात कहके अपना पल्ला झाड़ दिया ।बेंच पर लेटे अपने दर्द से तड़पते ये मरीज़, जिनको इंतज़ार है डॉ आएंगे और इनको इलाज़ मुहैया कराएंगे,ये बदहाली भरा हाल है बरेली के ग्राम लंगुरा के नवीन स्वास्थ्य केंद्र का है, जिसको बाहर से देखे तो तारीफ करते नही थकेंगे लेकिन सही मायनों में इस नवीन स्वास्थ्य केंद्र को ही इलाज़ की सख्त जरूरत नज़र आ रही है, स्वास्थ केंद्रों में मकड़ी के जाल जमा हो रहे है, इन केंद्रों को माने तो शौचालय की तरह उपयोग किया जा रहा है देखे इस गंदगी भरे माहौल में ग्रामीणों को इलाज़ मिलेगा या नई बीमारियां इस कोरोना महामारी में जहां एक ओर सरकार अपनी पूरी कोशिशें कर रही है कि हर गाँव हर शहर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले वही उन्ही के अपने अधिकारी सरकार की कोशिशों को पलीता लगाते साफ दिखाई दे रहे है, आज जब हमारी टीम ने गाँव मे जाकर ग्रामीणों से बात की तो ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि ना ही यहां कोई डॉ आते है ना ही कोई दवा उपलव्ध कराई जाती है, एक वार्ड बॉय को स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारियां देकर अस्पताल स्टाफ मौजूद ही नही है, और जब हमारी टीम ने उससे बात करना चाही तो उसने कहा दिया कि हमारे अधिकारियों से बात करो और अपना पल्ला झाड़ते नज़र आया, गाँव में कई लोग ऐसे है जो बुखार से पीड़ित है और बुखार के चलते हाल ही में 3 मौतें भी हो चुकी है और बात की जाए कोरोना वैक्सीन की तो पिछले महीने में 1 या 2 बार वैक्सीनशन हुआ है अब यहां वैक्सीन भी लगना बन्द हो चुकी है, अगर किसी को वैक्सीन लगवानी हो तो उसको गाँव से बाहर जाना पड़ता है, वही हमारी टीम ने स्वास्थ्य केंद्र की गंदगी में देखा कि मरीजो को देने वाली दवाएं खण्डहर पड़े आवास के पीछे जलाई हुई पाई गई, इन सभी बातों से नाराज होकर ग्रामीणों ने सीएमओ मुर्दाबाद, और स्वास्थ्य विभाग मुर्दाबाद के नारे लगाए और अपना आक्रोश ज़ाहिर किया, अब देखना ये है कि सरकार ऐसे अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाती है ।