आँवला – आँवला तहसील क्षेत्र में क्रषि पर बने नऐ कानूनों पर किसानों ने सुनाई अपने मन की बात। केन्द्र सरकार ने किसानों के कल्याण के लिये तीन कानून बानाऐ है लेकिन किसानों को इन कानूनों से होने बाले नुकसान अब पूरी तरह समझ मे आ चुके है। एक तरफ जहां देश की राजधानी दिल्ली के बोडरो पर लाखों किसान कह रहे है कि अगर सरकार ने यह तीनों काले कानून वापिस नहीं किऐ तो यह शान्तिपूर्ण अन्दोलन एक साल क्या दो तीन साल भी चल सकता है, दूसरी तरफ हमनें बिशारतगज के आसपास गावों व देवचरा मडी मे कुछ किसानों से क्रषि कानूनों पर बात की। मडी मे किसान यासिर खान ने वाताया की यूरिया डीएपी व कीटनाशक दवाओं पर महगाई बडी है और आनाज पर पिछली साल के मुकाबले प्रीति कुन्टल हजार से बारह सौ रुपये कम हो गये। मोदी जी ने कहा था आय दुगुनी करेंगे। हमारी तो कम हो गई मोहम्मदगज के किसान तरिक खान ने बताया सरकार धान खरीद का लक्ष्य पूरा कर लिया है लेकिन हमारे गांव में तो किसी भी किसान का धान सरकारी केंद्र पर नहीं तुला और आसपास के जितने भी किसान है किसी का सरकारी केंद्र पर नहीं बिका पता नहीं कैसे लख्क्ष पूरा हो गया। साहसा गांव के किसान कमल पाठक ने बताया इस सरकार मे तो किसानों की बूरी हालत हो गई हैं रात रातभर गायो से अपनी फसलों की रखवाली करते है बाद में सही कीमत भी नहीं मितली आय दुगुनी तो दूर की बात है यहां तो लगता भी निकलना मुश्किल हो गई हैं। भिण्डौरा गांव के किसान लल्लावावूपाल वाताया हम धान खरीद केंद्र पर गये थे धान बेजने पर हमारा उन्होंने लिया ही नहीं पैनकार्ड, खसरा, खतोनी ,राजिस्टेशन मांगा हम यह सब कहा से लाते।
रिपोर्टर – परशुराम वर्मा