बरेली – सीबीगंज थाजजना क्षेत्र में ईद उल जुहा के मौके पर तमाम इलाकों में कुर्बानी दी गई। लेकिन चौकाने वाली बात ये रही कि शासन प्रशासन की सख्ती और कड़ी चेतावनी के बाद भी कुछ खुरापातियों ने शासन प्रशासन को मुँह चिड़ाहते हुए नई परम्परा का आगाज करने का प्रयास ही नही किया बल्कि गुप – चुप तरीके से नई परम्परा को होने वाले अंजाम की बिना कोई फिक्र जन्म दे ही दिया। जानकारी के अनुसार थाना सीबीगंज के गांव जोगीठेर में कभी भी बकरीद के मौके पर न तो भैंस, कटरे और न ही बकरे की कुर्बानी हुई थी। लेकिन इस बार कुछ खुरपतियों ने जबरदस्ती ग्रामीणों का मना करने के बावजूद भी भैंस की कुर्बानी कर दी। जिसके कारण क्षेत्र में सनातनियों में आक्रोश फैल गया। इस कुर्बानी के मुख्य अभियुक्तों में इसरार, इस्लाम मोहम्मद, शफी मोहम्मद, अखलाक, और इसरार के तीनों लड़कों के शामिल होना बताया जाता है। ये कुर्बानी लगभग 11 बजे के आसपास जोगीठेर गांव के प्राचीन शिव मंदिर से 20 कदम की दूरी पर हुई थी। कुर्बानी की जगह के सामने शिव मंदिर दक्षिण में कश्यप समाज उत्तर में ठाकुर समाज और पश्चिम में शर्मा समाज के घर हैं। जैसे ही यह सूचना गांव के लोगों को मिली, गांव के लोग इकट्ठे होकर और कुर्बानी देने वाले के खिलाफ थाना सीबीगंज पहुंचे और लिखित तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करने लगे। लेकिन पुलिस द्वारा इस मामले में ढूल मूल रवैया अपनाने के कारण गांव वाले आक्रोशित हो गए और थाने के सामने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन करने लगे। जिस कारण थाने के सामने जाम जैसी समस्या उत्पन्न होने लगी। इसके बाद प्रभारी निरीक्षक राधेश्याम द्वारा गांव वालों को भरोसा दिया गया कि किसी भी नई परंपरा को जन्म नहीं देने दिया जाएगा संबंधित आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी। तब जाकर लोगों का आक्रोश शांत हुआ। फिलहाल प्रभारी निरीक्षक राधेश्याम द्वारा इस मामले पर गहनता से जांच कर उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
रिपोर्टर परशुराम वर्मा