बरेली। तहसीलदार के कारनामो विधायक जी को परेशान कर दिया है वह जब भी कुछ कहते हैं तो तहसीलदार न खुद को व्यस्त बता टाल जाते हैं। इससे कई तरह के सबाल खड़3 हो जाते हैं जैसे क्या यूपी में सिस्टम इतना ताकतवर है कि सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों की आवाज भी दब जा रही है? बरेली में नवाबगंज क्षेत्र के विधायक तहसीलदार की कारगुजारियों से इतने परेशान हैं कि उन्हें डीएम को खुुुुला पत्र लिखकर इस अफसर के खिलाफ दूसरी बार कार्रवाई की मांग करनी पड़ी है। विधायक का कहना है कि तहसीलदार के कार्यालय में बगैर पैसे के जनता का कोई काम नहीं होता।
कितनी ही बार समझाने के बाद कितनी ही बार शिकायत करने के बाद भी तहसीलदार अपने गलत कामो से बाज नही आते।स्थानीय विधायक केसरसिंह गंगवार ने इस तहसीलदार के खिलाफ कितने ही बार जिलाधिकारी को जानकारी दी।कि वह इन्हें सही तरह से समझाएं पर कोई समाधान नही निकला।आख़िर विधायक जी को तहसीलदार के खिलाफ एक पत्र लिखना ही पड़ा
केसर सिंंह गंगवार बरेली के नवाबगंज क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं। केसर पहले बसपा एमएलसी रहे हैं और उनके परिवार की उषा गंगवार बरेली जिला पंचायत की लालबत्ती धारी अध्यक्ष। रुतबे की बात करें तो दल और सरकार कोई भी हो मगर केसर सिंंह हमेशा से हनक के लिए पहचाने जाते रहे हैं। यह पहला मौका है कि वह अपने ही क्षेत्र नवाबगंज में एक तहसीलदार से परेशान होकर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को खुला पत्र लिखनेे को मजबूर हुए हैं। पत्र तो पहले भी लिखा था मगर तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। परेशान विधायक को मजबूर होकर दूसरा पत्र लिखना पढ़ा है।
पत्र की कहानी क्या है, खबर हूबहू आपको बताता है। भाजपा के नवाबगंज विधायक केसर सिंंह गंगवार ने डीएम बरेली को सौंपे पत्र में कहा है: 14 जुलाई 2020 को दिए मेरे पत्र का संज्ञान लेने का कष्ट करेें, जिसके माध्यम से आपको अवगत कराया गया था कि तहसीलदार नवाबगंज अपने उत्तर दायित्वों के प्रति बिल्कुल भी जागरुक नहीं हैं। कोरोना महामारी के दौरान नवाबगंज के गरीब और प्रवासियों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकारी किचिन चलाई गई थी। उस किचिन में नाम मात्र के खिचड़ी जैसे भोजन बनाकर रोड किनारे झोंपड़ी में रहने वालों को वितरण किया जाता था। नवाबगंज में कभी भूखे प्यासे उन गरीबों की चिंंता नहीं की गई, वास्तव में रोटी के लिए परेशान थे।
विधायक नेे लिखा है: दाखिल खारिज, आय, जाति व हैसियत प्रमाणपत्रों की पत्रावलियां, तालाब मत्स्य पालन आदि के काम भी वहीं (तहसील) में होते हैं, जिनमें लेन-देन हो जाता है। आम जनता अपनेे आय-जाति सम्बंधी कागजों को बनवाने के लिए चक्कर काटती रहती है। उनका (तहसीलदार) आचरण एवं व्यवहार जनता के प्रति बेहद उदासीन है। 13 जुलाई 2020 को ग्राम मानकपुर के दो बच्चे उम्र 22 व 18 वर्ष नदी में डूब गए थे। उप जिलाधिकारी अवकाश पर होने के कारण घटना की सूचना इन्हें (तहसीलदार को) दी गई।