बरेली-नगर निगम का कर्मचारी बना दबंग,कर लिया विधवा के मकान पर कब्जा

बरेली नगर निगम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी देवनारायण शर्मा ने मोहल्ला बुखारपुर के निवासी स्वर्गीय कमल कुमार के मकान पर किराएदार के रूप में रह रहे थे। मकान मालिक कमल कुमार के स्वर्गवास होने के पश्चात मकान पर किया कब्जा उनकी विधवा पत्नी संतोष कुमारी व पुत्र रोहित अकेले रह गए तो नगर निगम के कर्मचारी द्वारा उनके मकान पर कब्जा कर लिया गया मां बेटे अपने ही मकान को खाली करवाने के लिए दर-दर भटक रहे थे और दर दर भटकते हुए वे पैनी नजर सामाजिक संस्था के पास पहुंचे और अपनी पूरी नगर निगम के कर्मचारी द्वारा उत्पीड़न किए जाने की दास्तान सुनाई। दास्तान सुनकर संस्था अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार ने अगले ही दिन यानी कि दिनांक 25 जुलाई 2021 को मौके पर पहुंचकर वास्तविकता को जानने का प्रयास किया। संस्था अध्यक्ष ने नगर निगम कर्मचारी जो कि किराएदार है उसकी पत्नी से बात करने की कोशिश की परंतु वह कमरे से बाहर निकलकर नहीं आई अध्यक्ष ने कहा कि आप अपने पति से मेरी बात करवा दीजिए तो उसने कहा की थोड़ी देर में मैं बुला दूंगी लेकिन काफी देर इंतजार करने के पश्चात उसका पति बात करने के लिए नहीं आया उसके पश्चात उसकी पत्नी कई लोगों को बुला कर ले आई और संस्था अध्यक्ष से कहा किसी और के मकान में बैठ कर बात करेंगे यहां इस मकान में बात नहीं करेंगे यानी की दबंगई इस स्तर पर थी कि एक मकान का मालिक और उसका बेटा अपने मकान में नहीं जा सकता संस्था अध्यक्ष ने कहा कि जिस मकान की बात हो रही है और जिसकी की मालिक सामने मौजूद हैं उनकी कमल कुमार की विधवा पत्नी वहीं बैठ कर बात होनी चाहिए यही कायदा कहता है लेकिन वह महिला अभद्रता से बात करती हुई धमकी देती हुई निकल गई कि बात वही होगी जहां मैं बताऊंगी इस मकान में नहीं होगी उसके पश्चात संस्था अध्यक्ष ने थोड़ी देर और इंतजार किया तो मोहल्ले से कुछ लोग निकल कर आए उन्होंने कहा चलिए बहन जी यहीं बैठ कर बात कर लेते हैं संस्था अध्यक्ष ने उसके पश्चात वही उसी मकान में बैठ कर बात की और बात करते हुए कहा उस किराएदार की पत्नी से कि आप अपने पति को बुला लीजिए तो पत्नी ने जवाब दिया कि वह मोबाइल नहीं रखते हैं मुझे नहीं पता वह कहां है बहुत इंतजार के बाद भी उसका पति नहीं आया उस मकान में कब्जा करवाने करवाने में कई लोगों का हाथ दिखाई पड़ रहा था कई लोग वहां दलाल के रूप में बैठे हुए थे और वह संस्था अध्यक्ष को उलझाने व भटकाने का प्रयास कर रहे थे संस्था अध्यक्ष ने कहा कि आप से नहीं मुझे इनके पति से बात करनी है ना तो आप मकान के मालिक हैं ना ही आप उस में रह रहे हैं इसलिए कोई नतीजा नहीं निकल सकेगा जब तक इनके पति से बात नहीं होती लेकिन नगर निगम का वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उस मकान में संस्था अध्यक्ष जितनी देर बैठी रही नहीं आया इससे साफ जाहिर होता है कहीं ना कहीं कोई उसे सह दे रहा है इस मकान में कब्जा करवाए रखने की और इसके अतिरिक्त उस किराएदार की पत्नी ने यह भी कहा कि पूरे नगर निगम के अधिकारी मेरे साथ हैं और उन्होंने कहा है कि तुम आराम से उस मकान में रहो कोई तुम्हारा मकान तुमसे मकान खाली नहीं करवा सकता है संस्था अध्यक्ष को यह बात सुनकर बड़ी हैरानी हुई कि नगर निगम के अधिकारी अपने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को इस तरह का बल प्रदान कर रहे हैं। लगता है नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की गुंडागर्दी व दबंगई इस हद तक पहुंच गई है की किसी के मकान पर भी अवैध कब्जा करवाने लगे हैं क्या नगर निगम ने यह एक नई समाज सेवा बरेली की जनता के लिए आरंभ की है नगर निगम पर यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है संस्था अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार ने पीड़ित मां व बेटे को हिम्मत बनाई क्योंकि वह दोनों ही डरे वास्तव में थे क्योंकि कर्मचारी के तीन बेटे हैं और वह तीनों बेटों के दम पर धमकी देता रहता है संस्था अध्यक्ष ने कहा कि जिस का मकान होता है वह जब चाहे अपने किराएदार को मकान खाली करने के लिए कह सकता है यह उसकी अपनी मर्जी की बात है वह जितने दिन रखना चाहेगा उतने दिन ही किराएदार रह सकता है किसी भी किराएदार का दबंगई से मकान पर कब्जा नहीं हो सकता है यह कब्जा करने वाला अपने दिमाग से निकाल दे ऐसा कहकर पैनी नजर अध्यक्षा वहां से चली गई।