बरेली: किसान की परेशानी कम नही होती चाहे समय कोई हो सरकार कोई हो,मौसम कोई हो,अब देखिए न पूरे बरेली में कुल 144 सहकारी समितियां और प्रत्येक 7 समितियों के लिए एक खाद लोडर भेजा जाता है,अब पूर्ति कैसे हो।उस पर भी उसी खाद से मुनाफाखोर मिल कर खाद का स्टॉक कर ओवर रेट खाद बेच रहे हैं।अब सोचने बाली बात यह है कि समिति के लिए प्लांट पर किसान के लिए खाद उपलब्ध नहीं और बिचौलियों के लिए खाद उपलब्ध हो रहा है,इफको खाद का बिक्री रेट 267 रुपये है लेकिन यही अगर हम प्राइवेट दुकान पर जा कर ख़रीदे तो 320 से 340 तक आपको आसानी से मिल जाएगा,इनके पास पर्याप्त मात्रा में खाद है,क्या इन दुकानों के सहारे ही किसान अपनी फसल पैदा करेगा, अब बात कोरोना की करें तो किसान की कमाई तो बन्द कर दी है,वह यह ओवर रेट के खाद को कहाँ से रकम जुटाए,पर मरता क्या न करता
बरेली- किस किसे जूझे किसान,इधर खाद की किल्लत उधर कोरोना का आतंक
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