लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों पर भ्रष्टाचार में लिप्त गुंडे बदमाशों माफियाओं की पोल खोलने कारनामों को उजागर करने पर हमला करना आम बात हो चुकी है चूंकि पत्रकार यदि किसी पीड़ित की आवाज बुलंद करता है तो माफियाओं से साज रखने बाले भ्रष्टाचारियों की कमाई में खलल पड़ने लग जाती है और अपनी काली कमाई को बरकरार रखने के लिए ये भ्रष्टाचारी गुंडे माफियाओं का छुप छुपाते संरक्षण करने लग जाते हैं जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद रहते हैं यदि प्रशासन के जिम्मेदार किसी पीड़ित के प्रार्थना पत्र की जांच कराकर मामला सही पाए जाने पर गुंडे माफियाओं पर तत्काल कार्यवाही कर दे तो पत्रकारों के साथ ये नौबत ही न आये। गुंडे माफियाओं के हौसले बुलंद केवल और | केवल जिम्मेदारों के सरंक्षण में ही होते हैं क्योंकि उनके माध्यम से मलाई जो काटने को मिलती है ताजा मामला आंवला कोतवाली क्षेत्र के नगर आंवला का है नगर के शास्त्री मुहल्ले में रहने बाले पत्रकार ने बताया बह ख्वाजा एक्सप्रेस में | संवाददाता हैं और लगातार भ्रष्टाचार, घोटाले गुंडे माफियाओं के कारनामों को खबरों | के माध्यम से उजागर करते रहते हैं । आपको बता दें आंवला के ही एक पीड़ित ने एसएसपी बरेली से नगर के दबंग सूदखोर के शोषण का शिकार होने की शिकायत की थी जिस पर उनके द्वारा पीड़ित की आवाज बुलंद करते हुए खबर प्रकाशित की गई खबर से बौखलाकर दबंग सूदखोर उनसे रंजिश मानने लगा और मंगलवार को अपने गुर्गों से रास्ते में उनको घिरबाकर जान से मारने की धमकी दिलवाई गई । पूर्व | में भी उक्त सूदखोर ने खबरें न लिखने का दबाव बनाया था घेरकर मारने का प्रयास किया गया था लगातार सूदखोर की धमकियों प्रताड़ना से परेशान होकर मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है
रिपोर्टर परशुराम वर्मा