बरेली – योगी और मोदी सरकार भले ही कितना कुछ कर ले लेकिन विजली विभाग के भ्रष्टचारी अपने भ्रष्ट कामों को कम नहीं करने वाले ऐसा ही एक मामला प्रकाश मे आया है. जहां एक ओर तो लोगो के घरो मे विजली का करंट उतर रहा था और एक बच्चा भी उसकी चपेट मे आ गया था और वहीं दूसरी ओर विद्दुत विभाग के संविदाकर्मी उसको ठीक करने के ऐवज मे रूपये बसूलने मे लगे थे.
अलीगंज सव स्टेशन से जुड़े इस्माइलपुर गांव मे एक विजली के पोल से लगभग पन्द्रह दिन से लगातार घरों मे करंट उतर रहा था. जिससे घरो मे रह रहे लोग भयभीत थे कि उनके घर से कहीं कोई बिजली की चपेट मे न आ जाये ,लेकिन ऐसा ही हुआ पोल (बिजली का खम्बा) के पड़ोसी घर के एक बच्चे ने विजली का पोल पकड़ लिया और वह वहीं का वहीं चिपका हुआ रह गया. आनन फानन मे पड़ोस मे रह रहे रामप्रसाद ने डंण्डे से किसी तरह उसे छुड़ाया. विजली विभाग से जब इस सम्वन्ध मे शिकायत की तो शिकायत पर अलीगंज शव स्टेशन पर रह रहे संविदाकर्मी यादराम द्वारा (लाइनमैन) वहां पहुंचकर विजली के पोल से जिस-जिस घर मे कनेक्शन केविल पड़ी थी सभी से पोल पर आने वाले करंट को सही करने के बदले मे सुविधा शुल्क लिया गया .
एक तो वहां बड़ा हादसा होने की आशंका थी क्या विजली विभाग के कर्मचारी अधिकारी ऐसे ही हादसों का इंतजार करते हैं और अगर कोई व्यक्ति विजली खराब होना ,या कहीं करंट उतर आना जैसी समस्याओं के लिए शिकायत करता है तो बदले मे उससे सुविधा शुल्क मांगा जाता है . सुविधा शुल्क न देने पर वह काम नहीं होगा. जहां चाहे शिकायत करलो यह कहा जाता है. क्या इनकी देखरेख करने के लिए सिस्टम मे कोई और इनका उच्चाधिकारी नहीं है? अगर है तो फिर क्या इन्हें उसका रत्तीभर डर नहीं है.
योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार खत्म करने या कम करने का ढिढोरा पीटे पर यादराम जैसे संविदा कर्मी पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. गरीब आदमी देश मे व्याप्त कोविड -19 जैसी भंयकर बीमारियों से झूझे विजली का विल दे और ऊपर से इन्हें सुविधा शुल्क दे. क्या इन्हें सरकार से कुछ नहीं मिलता? अगर नहीं मिलता तो ऐसे अवैध बसूली करके विभाग मे और इमानदार अफसरों की क्यों बदनामी कराते हैं? ऐसे लोगों पर अंकुश लगना चाहिए नहीं तो ये ऐसे ही सिस्टम और सरकार दोनो को बदनाम करते रहेंगे.